शहीद जवान की पत्नी और मां का सम्मान l डॉ. प्रकाश मणि वीरांगना पुरस्कार से, ब्रह्मकुमारी विद्यालय के माध्यम से वीर पत्नियों और वीर माताओं को सम्मानित किया l इसका आयोजन तसगांव सेवा केंद्र की निदेशक डॉ. वैशाली दीदी ने किया।<br/><br/>किसी राष्ट्र की प्रगति की मजबूत शाखा महिलाएँ होती हैं। करुणा, प्रेम, नम्रता, धैर्य, साहस और परिश्रमी प्रवृत्ति से युक्त स्त्री ईश्वर का सर्वोत्तम उपहार है। भारत माता की सेवा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों की मां और पत्नी के योगदान को समाज कभी नहीं भूलेगा। आंखों में तेल लेकर देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले सैनिक की तरह घरेलू मोर्चा संभालने वाली महिलाओं को सलाम। वीर पाटनी और वीर माता को वंदे मातरम शब्दों में स्वयं भगवान शिव ने गाया है। ब्रह्माकुमारी सुनंदा दीदी निदेशक उपक्षेत्र पुणे ने व्यसन मुक्त, तनाव मुक्त, क्रोध मुक्त, भय मुक्त स्वर्ण भारत बनाने के लिए राजयोग सीखने की अपील की। सैनिक महासंघ के अध्यक्ष विजय पाटिल ने अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित सांगली जिला स्तरीय सम्मान समारोह में बोलते हुए कहा कि शहीद जवानों की वीर पत्नियां और वीर माताएं सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं l निंबलाक गांव के पूर्व सैनिक और उप सरपंच शरद पाटिल ने कहा कि आज मुझे सांगली जिले की वीर पत्नियों और वीर माताओं को देखने का सौभाग्य मिला है जिन्होंने बहादुरी से अपने पति और पुत्रों की कठिनाइयों का सामना किया और अपना जीवन सुचारू रूप से व्यतीत किया। सुभेदार पाठक ने कहा कि सांगली जिला स्तर की वीर पत्नियों और वीर माताओं को डॉ. प्रकाश मणि वीरांगना पुरस्कार से सम्मानित करने वाली तस्गांव सेवा केंद्र की निदेशक डॉ. वैशाली दीदी का कार्य सराहनीय है l<br/><br/>इस अवसर पर डॉ. वैशाली दीदी ने कार्यक्रम का संचालन एवं संचालन शांताबाई बगदे कवठे महांकल और सिंधु जाधव वीर पाटनी, अरवड़े ने राज योग के लाभों के बारे में बताया। खुद के अनुभव के फायदे बताए। बाल कलाकार रिया ने देश मेरा रंगीला और जय गणेश देवा पर नृत्य किया।