Program For Riksha Associations ( General (Azadi Ka Amrit Mahotsav) )
Speaker
BK Rohini Behn<br/>Mr. Shrikant Aachary <br/>Mr. Asgar Baig <br/>Mr. Bapu Bhave <br/>Mr. Aanand Ankush
Guests
Mr. Shrikant Aachary (President,Transport Association Maharastra), Mr. Aanand Ankush (Secretary, Aap Riksha Sanghtana, Pune), Mr. Asgar Baig (President, Riksha Sanghtana, Pune), Mr. Bapu Bhave (Treasurer, Riksha Sanghtana, Pune)
अपराधमुक्त, भ्रष्टाचारमुक्त, भयमुक्त, व्यसनमुक्त भारत का निर्माण करना हमारे सामने चुनौती है। सकारात्मक सोच स्वर्णिम भारत की आधारशिला है।" अच्छा महसूस करने के लिए व्यसन, एक बुरी आदत के अधीन होने की क्रिया है। व्यसनी मानसिक स्वास्थ्य खो देते हैं रिश्ते बिगड़ जाते हैं धन, समय, बर्बादी और जीवन खो जाता है।इससे छुटकारा पाने के लिए उन्होंने सभी नकारात्मक भावनाओं और नकारात्मक विचारों से छुटकारा पाने चिकित्सा और मानसिक उपचार के माध्यम से मन की बुरी भावनाओं को आसानी से दूर किया जा सकता है।<br/><br/>राजयोग साधना के अभ्यास से ब्रह्माकुमारी रोहिणी ने नकारात्मक भावों से मुक्त होकर शांति प्रदान की। <br/><br/>"आजादी के अमृतमहोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर"इस कार्यक्रम के अंतर्गत *ब्रह्माकुमारी रविवार पेठ, पुणे शाखा के रजत महोत्सावी वर्ष के निमित्त रिक्षा चालक, रिक्षा मालिक और रिक्षा संघों के लिए "तनाव और व्यसनमुक्त जीवन" कार्यक्रम आयोजित किया गया था। *<br/><br/><br/><br/>कार्यक्रम की शुरुआत परमपिता शिव परमात्मा के स्मरण के साथ हुई। कुमारी आर्या जोशी ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया और छोटी कुमारी आद्या पड़वल ने अपनी वाकपटुता के माध्यम से राजयोग के महत्व को समझाया। <br/><br/> इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में *मा.श्रीकांत आचार्य (आप परिवहन संघ महाराष्ट्र राज्य के अध्यक्ष) उन्होंने अपने भाषण में कहा कि "भारत प्राचीन काल से एक समृद्ध देश रहा है। ब्रह्माकुमारीज संस्था आध्यात्मिक क्रांति को पूरी दुनिया में फैलाएगी और विश्व शांति की स्थापना होगी ”ऐसे भाव मा.आचार्य ने व्यक्त किया। <br/><br/>मा.श्री बापू साहब भावे (कोषाध्यक्ष, रिक्षा फेडरेशन, पुणे)* उन्होंने अपने भाषण में कहा, "पुणे में एक लाख रिक्षा चालक हैं। सभी रिक्षा चालकों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए अध्यात्म और ध्यान आवश्यक है। संगठन को हमारे अनुरोध पर ध्यान देना चाहिए और हर हफ्ते अलग-अलग हॉल में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए। <br/><br/>मा.आनंद अंकुश (सचिव, आप परिवहन संघ, महाराष्ट्र राज्य)* उन्होंने अपने भाषण में कहा, आज मेरे जीवन में पहली बार मेरे मस्तिष्क, मन और शरीर ने इस स्थान पर सच्ची शांति का अनुभव किया। इसकी समाज को बहुत जरूरत है। इस समस्या के समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारियों जैसी संस्था की सख्त जरूरत है।" <br/><br/><br/><br/>मा.असगर बेग (अध्यक्ष आम आदमी रिक्षा, पुणे)* उन्होंने अपने भाषण में कहा, “आज के समय ऐसी संस्था की बहुत आवश्यकता है जो सभी कर्तव्य करके सच्चे शांती की अध्यात्मिक सुख की प्राप्ती कराती है/”<br/><br/>एक रिक्षा चालक भाई ने अपना अनुभव साझा किया कि तीन महीने में मैं राजयोग ध्यान से व्यसन से मुक्त हो गया हूं।<br/><br/><br/><br/>अंत में सभी अतिथी गण को और उपस्थित सभी रिक्षचालक भाईयो को ईश्वरीय प्रसाद और सौगत दी.<br/><br/><br/><br/>ॲडव्होकेट बी.के. नीलिमा खोपे ने सभी का धन्यवाद किया। <br/><br/>कार्यक्रम का सूत्र संचालन ॲडव्होकेट बी.के. श्याम झंवर ने किया।