आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत Earth Day के उपलक्ष्य में Changing World with Compassion विषय के ऊपर युवाओ के लिए एक कार्यक्रम रखा गया | इसमें 100 से भी अधिक युवा वर्ग ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया | मधुबन से आए बी के शांतनु भाईजी ने प्रकृति के महत्व को बताते हुए उसकी देखभाल करने में स्वयं के योगदान के महत्व को बताया | वर्कशॉप द्वारा सभी ने अपने-अपने अलग-अलग बिचारों को प्रकट किया | <br/><br/>साथ में Former DGP of West Bengal ने भी अपने बिचारों को व्यक्त करते हुए कहा की जब हम अपने स्वयं के रूप को पहचानते हैं तो हमारे बदलाव शुरू होता है और हमारे बिचारों का प्रभाव प्रकृति पर भी पड़ता है | हम पहले अपने बिचारों को परिवर्तन करें और यही सही तरीका है और युवा वर्ग अगर अभी से अपने बिचारों के महत्वा को जाने तो विश्व परिवर्तन होते देरी नहीं | <br/><br/>आदरणीय कानन दीदी जी ने भी युवा वर्ग को सम्बोधन करते हुए कहा की हम अपने अंदर छिपे गुणों और शक्तियों को पहचान कर उन्हें कार्य में लगाना है; साथ ही योग का अनुभव कराया गया |