ओम शांति ग्वालियर में आज व्यवहारिक जीवन एवं संस्कार परिवर्तन विषय पर कार्यक्रम रखा गया l जिसमें भारतीय संस्कृति के अनुसार नमस्कार शब्द का अर्थ समझाते हुए बीके ज्योति बहन ने कहा की आज का समय ऐसा नाजुक चल रहा है कि आज की युवा पीढ़ी नमस्कार शब्द को छोड़ चुकी है हम अपनी संस्कृति की और चलते हैं l हाय कहना छोड़कर नमस्ते कहना शुरू करें l सभी से यही संकल्प करते हुए बीके ज्योति बहन ने प्रतिज्ञा कराई l शब्दों में नकारात्मक ऊर्जा होती है हम सभी को सकारात्मक शब्दों के साथ आपस में मिलना जुलना चाहिए ताकि हम एक दूसरे को भारतीय संस्कृति की ओर रुचि दिला सके l कार्यक्रम में पोरसा क्षेत्र संचालिका एवं स्वच्छता एम्बेसडर बीके रेखा बहन ने अपने भारत देश का नाम रोशन कर सके l यह कहकर यह बताया कि मात्र भारतीय ऐसा देश है जिसको हम माता कहकर बुलाते हैं तो हमारे भारत माता की आन मान शान बनी रहे l उसके लिए हमें अपनी भारतीय संस्कृति को अपना कर अपने भारत देश का नाम रोशन करना चाहिए अपने भारत को स्वच्छ रखने की बात रखनी चाहिए l सभी ने संकल्प किया और एक दूसरे को प्रैक्टिकल रूप से नमस्कार किया दृढ़ संकल्प किया आज से हम सकारात्मक शब्दों का उपयोग करेंगे जैसे की नमस्ते, राधे राधे, जय श्री राम क्योंकि यह शब्द सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होते हैं तो आज नकारात्मक शब्दों को हम छोड़कर सकारात्मक शब्दों को उपयोग करें l इसमें रिसेप्शनिस्ट राहुल जी ने कहा कहा आपस में भाईचारे से रहना बहुत आवश्यक है नहीं तो कोई तीसरा उसका फायदा उठाता है इसीलिए हमें चाहे परिवार हो चाहे व्यापार हो सभी जगह एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और अपने संस्कार भारतीय संस्कृति के अनुसार ही बनना चाहिए l स्टाफ इंचार्ज राजकुमारी ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा जब से हमारी धर्मशाला में ब्रह्माकुमारी संस्थान की क्लास चल रही है लगभग 7 वर्ष हो चुके हैं तब से हमारे स्टाफ के लोगों में बहुत परिवर्तन आया है बहुत काम क्रोध हो गया है एवं कई लोगों ने अपना व्यसन भी छोड़ा है एवं सच्ची शांति का अनुभव भी करते हैं यह कार्यक्रम हमेशा चलता रहना चाहिए l कार्यक्रम में स्टाफ इंचार्ज राजकुमारी एवं रिसेप्शनिस्ट राहुल तथा विधि चंद धर्मशाला का स्टाफ आदि उपस्थित थे