World Day Remembrance for Road Traffic Victims ( General )
Speaker
ब्रह्माकुमारीज यातायात एवं परिवहन प्रभाग की क्षेत्रीय संयोजिका ब्रह्माकुमारी अनिता दीदी,<br/>ब्रह्माकुमारी मेडिकल विंग की क्षेत्रीय समन्वयक बह्माकुमारी उषा दीदी
Guests
इंदौर ट्रेफिक के ए.सी.पी. अजीतसिंह चैहान जी,
यातायात के पूर्व डी.एस.पी. संतोष उपाध्याय जी
प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय के यातायात एवं परिवहन प्रभाग के द्वारा ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी सभागार ज्ञानशिखर ओमशान्ति भवन में विश्वभर में सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाली आत्माओं की आत्मिक शान्ति एवं सड़क दुर्घटना में पीड़ित लोगों एवं उनके परिजनों को मानसिक संबल देने हेतु ” विश्व यादगार दिवस ” मनाया गया।<br/>इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रुप में इंदौर ट्रेफिक के ए.सी.पी. अजीतसिंह चैहान ने कहा कि आज दुनियां भर में सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। हमारे देश में प्रति वर्ष डेढ़ लाख लोग रोड़ एक्सीडेंट में जान गंवाते है एवं 5 लाख लोग घायल होते हैं जो चिंता का विषय है। यदि टेªफिक पुलिस के साथ आमजन में सड़क सुरक्षा के नियमों के प्रति जागृति आ जाये तो अवश्य दुर्घटनाओं में कमी आयेगी।<br/>ब्रह्माकुमारीज यातायात एवं परिवहन प्रभाग की क्षेत्रीय संयोजिका ब्रह्माकुमारी अनिता दीदी ने कहा कि आज 90ः रोड़ एक्सीडेंट मनुष्य की अपनी गलती के कारण होती है। चिंता और तनाव में रहकर, नशे की हालत में वाहन चलाने से, मन में विचारों की गति बढ़ने से, वाहन की गति बढ़ कर अनियंतित्रत हो जाती है अतः जब भी वाहन चलायें शांत मन से एकाग्रता से चलायें सड़क की यात्रा में और जीवन यात्रा में ईश्वर को साथी बनाकर सफर करने से हमारा जीवन भी सुरक्षित रहेगा और जीवन यात्रा का आनंद ले सकेंगे।<br/>यातायात के पूर्व डी.एस.पी. संतोष उपाध्याय ने कहा कि हम खुद तो नियम का पालन करें ही लेकिन दुसरा नियम तोडे़ तो उन्हें भी सावधान करें। बच्चों को बाल्यकाल से ही टेªफिक नियमों का पालन करने की शिक्षा दें। स्कूली पाठ्यक्रम में भी इसे शामिल किया जाये तो बच्चों में संस्कार पड़ जायेंगे आज के बच्चे ही कल बड़े होकर सड़कों पर गाडी चलायेंगे। हम सबको मिलकर हमारे इंदौर शहर को दुधटर्नामुक्त शहर बनाने का प्रयास करना है।<br/>ब्रह्माकुमारी मेडिकल विंग की क्षेत्रीय समन्वयक बह्माकुमारी उषा दीदी ने सुंदर कमेन्ट्री के द्वारा योग की गहन अनुभूति कराई। ब्रह्माकुमारी आस्था बहन ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया।<br/>