स्वरक्षा ही हमारी रक्षा कर सकती है क्यूंकि जब तक हम अपनी ही कम , कमजोरी को दूर नहीं करेंगे तब संभव ही नहीं है की हम कभी किसी को सुरक्षित कर पाएंगे । इसलिए सर्व प्रथम हमें पहले स्वयं का परिवर्तन करना जरुरी है। ये उदगार बी के संध्या बहन जी ने स्वरक्षा से राष्ट्र रक्षा कार्यक्रम में कियुआ । बहनजी ने बहुत ही उमंग भरे शब्द कहे की जब तक हम अपनी आंतरिक शक्ति विकास नहीं करते तब तक हम किसी भी प्रकार की रक्षा नहीं कर सकते। इसलिए सर्व प्रथम तो हमे अपने व्यक्तित्व को निखारना और संवारना है तभी हम स्व के साथ राष्ट्र का भी रक्छा कर पाएंगे। <br/><br/>