न्यायिक मजिस्ट्रेट आशीष माथोरिया जी ने अपने वक्तव्य में कहा आज ब्रम्हाकुमारी दीदी के शब्दों को सुनकर लगा की अगर इसी तरह समाज के हर वर्ग तक के बहने संदेश देती रहें तो ऐसा नहीं कि लोगों के जीवन में परिवर्तन ना हो और हम चाहेंगे कि आपकी संस्था महिलाओं के बीच में महिलाओं को भी सशक्त जागृत बनाए क्योंकि आज के समय में पति-पत्नी के आपसी मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है