Program Brief
Om Shanti,<br/>पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य में – “अपने ग्रह में निवेश करें (इनवैस्ट इन अवर प्लेनेट)” - विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन वैज्ञानिक,अभियंता एवं वास्तुविद प्रभाग द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में ऑनलाइन/ ऑफलाइन जुड़कर बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण अवेकनिंग टेलीविजन पर किया गया।<br/> <br/>राजयोगिनी जयंती दीदी, अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका, ब्रह्माकुमारीज ने गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमने धरती से बहुत पालना ली है। अब हमें भी प्रकृति को सकारात्मक संकल्पों के रूप में अपना सहयोग देना है। आज प्रकृति संरक्षण हेतु हमें अपने जीवन में स्वछता और सादगी को धारण करने की आवश्यकता है। हमारा जीवन जितना सादगी सम्पन्न होगा हम उतना ही प्रकृति की रक्षा कर सकेंगे।<br/><br/>राजयोगी भ्राता निर्वैरजी, महासचिव, ब्रह्माकुमारीज ने कहा कि भारत ही ऐसा देश है जहां हम धरती को मां कह कर संबोधित करते हैं। लेकिन आज हमें दिल की भावनाओं को साकार रूप देना है। प्रकृति संवर्धन हेतु हम नीम के वृक्ष, पीपल के वृक्ष और बरगद के वृक्ष लगाने का दृढ़ संकल्प करें तो उन पेड़ों से हमे छावं भी मिलेगी तो धरती का जल स्तर भी बढ़ेगा। <br/> <br/>राजयोगी भ्राता बृज मोहनजी, अतिरिक्त महासचिव, ब्रह्माकुमारीज ने कार्यशाला में भाग लेते हुए कहा कि पांच विकार पर्यावरण प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है। कहने में भी आता है पांच विकार नर्क का द्वार। आज पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य में हम संकल्प कर लें कि हमें स्वयं को प्रेम स्वरूप आत्मा समझकर दूसरों को भी उसी दृष्टिकोंण से देखना है। परमात्मा पिता को स्मरण करना है। यह परिवर्तन की वेला है, जब हमारे संस्कार सात्विक और श्रेष्ठ हो जाते हैं तो प्रकृति स्व़त: ही सहयोगी बन जाती है।<br/><br/>राजयोगी भ्राता मोहन सिंघलजी, अध्यक्ष, वैज्ञानिक, अभियंता एवं वास्तुविद प्रभाग ने कहा कि ऊपर में जिसका अंत नहीं उसे आकाश कहते हैं और जिसके प्रेम का अंत नहीं उसे धरती मां कहते हैं। आज हमें वसुधैव कुटुम्बंकम् एवं जीओ और जीने दो जैसे सिद्धातों को अपने जीवन में धारण करने की आवश्याकता है। भारतीय दर्शन में कहा गया है - मन जीते जगत जीत। जब हमारा मन सकारात्मक विचारों से भरपूर हो जाता है तो पर्यावरण का संरक्षण स्वत: होने लगता है।<br/><br/>राजयोगी भ्राता करूणाजी, अध्यक्ष, मीडिया प्रभाग ने संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रकृति हमारी तीसरी मां है। दादी जानकी जी सदैव ग्लोब को अपने हाथ में लेकर योग करते थे। आज पृथ्वी दिवस पर हम भी धरती मां को सदैव शुभ संकल्प देने का व्रत लें। प्रकृति हमारे संकल्पों को ग्रहण करती है। जब हम प्रकृति की रक्षा करते हैं तो प्रकृति भी हमारी रक्षा करती है। <br/><br/>राजयोगिनी पूनम बहन, सब जोन प्रभारी जयपुर ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि धरती मां हमें सहनशीलता, गभ्भीरता और दातापन की भावना सिखाती है। आज मानव ने स्वार्थ और लोभ वश प्रकृति का दोहन और शोषण किया है जिसका दुष्परिणाम हम सबके सामने बाढ़, सूखा आदि के रूप में आ रहा है। हमें प्रकृति के प्रति अपने स्नेह और सहयोग को बनाए रखने की आवश्यकता है। <br/><br/>राजयोगिनी कमलेश बहन, राष्ट्रीय संयोजिका, शिपिंग, विमानन एव पर्यटन प्रभाग ने राजयोग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्हों ने कहा योग करने से हमारा मन ऊर्जावान हो जाता है। और वह शक्ति स्वत: ही प्रकृति और पर्यावरण में प्रवाहित होती है। आज सबसे अधिक आवश्यकता इस बात की है कि हम प्रात: शीघ्र उठकर वायुमंडल को शुभ संकल्प दें। यह राजयोग है और इसी से से प्रकृति का सरंक्षण होता है। उन्होंने तत्पश्चात गाइडेड मैडीटेशन का अभ्यास भी कराया।<br/><br/>ब्र.कु. पीयूष भाई, क्षेत्रीय संयोजक, वैज्ञानिक, अभियंता एवं वास्तुविद प्रभाग नई दिल्ली ने सफलता पूर्वक मंच संचालन किया। मधुर वाणी ग्रुप के बीके सतीश भाई जी एवं सहयोगियों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। बीके भावना बहन ने मनमोहक स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया।<br/><br/>Please find enclosed photos of the programme.<br/><br/>Photo Caption:<br/>Shantivan: Earth Day" Celebrations (Theme: Invest in our Planet) on Saturday, 23rd April 2022 through candle lighting by Rajyogini BK Poonam Behn, Sr Rajyoga Teacher, Brahma Kumaris, Jaipur, Rajyogi BK Karuna Bhai, Chief of Multimedia, Brahma Kumaris, BK Mohan Singhal, Chairperson, Scientists, Engineers & Architects Wing, BK Kamalesh Behn, National Coordinator, SAT Wing, Mumbai, BK Piyush, Zonal Coordinator, Scientists, Engineers & Architects Wing, New Delhi & others.<br/>https://photos.app.goo.gl/q4SXm9dRZWVTWoER7<br/>All Photo Link <br/><br/><br/>