Program Brief
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस*<br/><br/>*संपूर्ण विश्व में खुशहाली लाने की महत्वपूर्ण भूमिका है नारी की- डॉ लीला जोशी*<br/>*रतलाम* - *05* *मार्च*<br/> खुशहाल महिला खुशहाल परिवार ही नहीं बल्कि खुशहाल समाज, खुशहाल देश, खुशहाल विश्व की निर्माता है। खुशहाली भौतिक साधनों से नहीं बल्कि आंतरिक जगत से प्राप्त होती है। उक्त वक्तव्य पद्मश्री डॉ. लीला जी जोशी ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के डोंगरे नगर स्थित दिव्य दर्शन भवन सेवा केंद्र पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कहां। सबको संस्कार देने की जिम्मेवारी नारी के ऊपर है। नारी परिवार व समाज की नींव है। नारी अपनी आंतरिक शक्तियों को जगा कर स्वयं खुश रह कर परिवार को भी खुशहाल बना सकती है।<br/><br/>इस कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ. लीला जी जोशी, नामली नगर परिषद अध्यक्ष बहन अनीता जी परिहार, उपाध्यक्ष बहन पूजा जी योगी, भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति एवं उज्जैन नगर विधानसभा चुनाव प्रभारी बहन अनीता जी कटारिया, महामंत्री महिला मोर्चा बहन अनीता जी पाहुजा, समाजसेवी बहन उषा जी भंडारी, सेवा केंद्र संचालिका ब्रह्मा कुमारी सविता दीदी, वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके सावित्री दीदी, बीके गीता बहन द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन कर किया गया।<br/><br/>नामली नगर परिषद की अध्यक्ष अनीता परिहार जी ने कहा कि नारी संकल्प है विकल्प नहीं जहां नारी की पूजा होती है वहां देवी शक्ति का संचार होता है नारी जननी है ईश्वर की रचना में महत्वपूर्ण कृति नारी है नारी पूर्णता का प्रतीक है इसलिए हरदेव के पहले देविका नाम लेते हैं। प्रसन्न नारी भोजन भी बनाती है तो वह प्रसाद बन जाता है।<br/><br/>भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति एवं उज्जैन नगर विधानसभा चुनाव प्रभारी बहन अनीता जी कटारिया ने ब्रह्माकुमारी संस्था की सराहना करते हुए कहा कि नारी में ही मां का रूप है। मां अन्नदाता है जगत माता है पालन दाता है, नारी में ही सहनशक्ति है लेकिन आज पाश्चात्य संस्कृति का अनुकरण करते हुए बच्चे मां बाप को वृद्ध आश्रम में छोड़ देते लेकिन फिर भी नारी में ऐसी स्नेह एवं ममता होती है जब बच्चों की हर गलती को भूल जाती ऐसी शक्ति का नाम है नारी ।ऐसी शक्ति व ममता का नाम है नारी।<br/>सेवाकेंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि नारी ही शक्ति है नर की, नारी ही शोभा है घर की अर्थात नारी बिना घर घर नहीं बल्कि मकान ही कहलाता है। महिला ही परिवार की धूरी है, उनकी मनोस्थिति पूरे परिवार को प्रभावित करती है। विपरीत परिस्थिति में खुश रहकर बच्चों के अंदर अच्छे संस्कार डालने का कार्य महिला ही कर सकती है इसके लिए महिला को स्वयं पहले अपने अंदर के उस मातृशक्ति वह देवी स्वरूपा गुणों को जागृत करने की आवश्यकता है।<br/><br/>महामंत्री महिला मोर्चा बहन अनीता जी पाहुजा द्वारा सभी को महिला दिवस की शुभकामना देते हुए कहा कि नारी स्वयं ही शक्ति का रूप है किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है वह अपनी शक्ति को पहचान कर आगे बढ़े।<br/><br/>नगर नामली नगर परिषद उपाध्यक्ष बहन पूजा योगी जी ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि परमपिता परमात्मा की ही कमाल है कि आज हम इस पद पर कार्यरत है राजयोग के नियमित अभ्यास द्वारा हम हर क्षेत्र में सफल हो सकते हैं तथा संसार में नारी शक्ति का परचम फैला सकते हैं नारी नर्क का द्वार नहीं बल्कि स्वर्ग का द्वार खोलने की निमित्त है ।<br/><br/>ब्रह्माकुमारी आरती बहन ने कहा कि वर्तमान समय जब भौतिकता का इतना विकास है लेकिन तनाव दुख चिंता परेशानी तो बढ़ते ही जा रहे हैं भौतिक साधनों की कमी नहीं है लेकिन सच्चे सुख व खुशी की कमी है जो हमें भौतिक सुख साधनों हुआ उपलब्धियों से प्राप्त नहीं हो सकती सच्ची खुशी हमारे विचारों से प्राप्त होती है आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हैं अतः संपूर्ण परिवार को खुशहाल रखने की भूमिका भी एक महिला ही अदा कर सकती हैं।<br/><br/>समाजसेवी बहन उषा जी भंडारी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एवं होली की सभी को शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की सराहना की।<br/>ब्रह्माकुमारी सावित्री दीदी द्वारा सभी को राजयोग मेडिटेशन की अनुभूति कराया गया।<br/>कुमारी जेनिसा द्वारा महिला दिवस के ऊपर बहुत सुंदर नृत्य की प्रस्तुति किया गया तथा लघु नाटिका भी प्रस्तुत किया गया।<br/>इस कार्यक्रम समाजसेवी बहन संगीता राजदा, मीना जी टाक, ममता सोलंकी, मनु ऊंटवाल, बीके संगीता दीदी, बीके रजनी दीदी, बीके किरण दीदी तथा अन्य सभी ब्रह्माकुमारी बहने उपस्थित रहे।