Jal Jan Abhiyan

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Jun 05 - 05, 2023 04:30 PM To 06:30 PM
  • Organiser
    PRAJAPITA BRAHMA KUMARIS ISHWARIYA VISHWA VIDYALAYA ( AGRICULTURE & RURAL DEVELOPMENT WING )
  • Category
    Campaign
  • Project
    Jal Jan Abhiyan (Azadi Ka Amrit Mahotsav)
  • Occasion
    World Environment Day
  • Venue
    जैन स्‍थानक भवन, कसरावदजिला, खरगोन.
  • Center Phone
    08720882636
  • Center
    KASRAWAD
  • Center Email
    kasrawad@bkivv.org
  • Subject/Topic/Theme
    Jal Jan Abhiyan ( Jal Jan Abhiyan (Azadi Ka Amrit Mahotsav) )
  • Speaker
    जल निगम अधिकारी निमरानी के आर.ई. श्री राहुल भार्गव जी, <br/>सब इंजीनियर नितेश पंवार<br/>नरेंद्र मोदी विकास मिशन की प्रदेश मंत्री सुमन बहन पाटीदार, <br/>गायत्री परिवार की ट्रस्‍टी बहन माधुरी मुकाती, <br/>आईएसए रविशंकर कानूड़े, <br/>ब्र.कु. मनीषा बहन खरगोन
  • Guests
    जल निगम अधिकारी निमरानी के आर.ई. श्री राहुल भार्गव जी, सब इंजीनियर नितेश पंवार नरेंद्र मोदी विकास मिशन की प्रदेश मंत्री सुमन बहन पाटीदार, गायत्री परिवार की ट्रस्‍टी बहन माधुरी मुकाती, आईएसए रविशंकर कानूड़े, ब्र.कु. मनीषा बहन खरगोन कसरावद सेवा केंद्र की संचालिका भावना बहन
  • Beneficieries
    130
  • Audience Type
    --
  • Links
    --
  • Program Brief
    हम बचपन से सुनते आए हैं कि जीवन के लिए कपड़ा, रोटी और मकान जरूरी है। लेकिन वर्तमान में इसमें एक शब्द और जोड़ने की जरूरत है, वह है पानी। पानी के बिना जीवन अधूरा है। यदि आप जरूरत से ज्यादा पानी का उपयोग कर रहे हैं तो यकीन मानिए आप किसी के हिस्से के पानी को बर्बाद कर रहे हैं। पूरे संसार को पेयजल योग्य मात्र 0.5 फीसदी पानी ही उपलब्ध है। हमने आज इसकी कीमत नहीं समझी तो बड़ा मूल्य चुकाना पड़ेगा। प्रत्‍येक भारतवासी को फौजी के समान पानी बचाने के लिए लड़ना होगा। यह बात प्रजापिता ब्रम्‍हाकुमारी संस्‍था द्वारा जैन स्‍थानक भवन कसरावद में आयोजित जल जन अभियान में उपस्थित ग्रामीणजनो से ब्र.कु. मनीषा बहन ने कहीं। ब्र.कु. मनीषा बहन ने प्रोजेक्‍टर के माध्‍यम से जल प्रदूषण एवं संरक्षण तथा उसका उचित सदुपयोग की विस्‍तृत जानकारी दी। आपने बताया कि जल संरक्षण का सबसे अच्‍छा स्‍त्रोत है वर्षा जल।  यदि हम वर्षा के जल का उचित प्रकार से संयोजन करें तो बहुत हद तक पानी की समस्या को दूर किया जा सकता है। वर्षा जल की हर बूंद को सहेजने का प्रयास किया जाना चाहिए। विभिन्‍न माध्‍यमो से एकत्रित पानी फसलों के लिए,जमीन के जल स्तर को बढ़ाने के लिए एवं अन्य उपयोग के लिए महत्वपूर्ण तो है ही साथ ही हमारे पालतू जानवरों के लिए भी अमृत तुल्य है। अगर हम यह वर्षा के जल को नहीं सहेजते हैं तो यह पानी नदियों के द्वारा समुद्र में जाकर मिल जाता है जो कि हमारे किसी भी उपयोग का नहीं रहता है।<br/> कार्यक्रम में मुख्‍य रूप से जल निगम अधिकारी निमरानी के आर.ई. श्री राहुल भार्गव जी, सब इंजीनियरनितेश पंवार, नरेंद्र मोदी विकास मिशन की प्रदेश मंत्री सुमन बहन पाटीदार, गायत्री परिवार की ट्रस्‍टी बहन माधुरी मुकाती, आईएसए रविशंकर कानूड़े, ब्र.कु. मनीषा बहन खरगोन एवं कसरावद सेवा केंद्र की संचालिका भावना बहन उपस्थित थे जिन्‍होने दीप प्रज्‍जवलन कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर जल जन अभियान के थीम सांग पर एक बालिकाने अपना सुंदर नृत्‍य प्रस्‍तुत किया। <br/> कार्यक्रम में उपस्थित अतिथि श्री राहुल भार्गव जी ने बताया कि लोगों में जल एवं प्रकृति के संरक्षण के प्रति सामूहिक चेतना का निर्माण करके ही जल संरक्षण के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय और ब्रह्माकुमारीज संस्था के द्वारा संयुक्त रूप से संचालित जल-जन अभियान, जल संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। सब इंजीनियर नितेश पंवार ने बताया कि हम बारिश के पानी से मात्र 300 मिलियन क्यूबिक मीटर ही रोक पा रहे हैं। वर्तमान में देश में 750-800 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी की आवश्यकता है। पचास साल पहले हमारे देश में प्रत्येक व्यक्ति के लिए पांच हजार क्यूबिक मीटर पानी उपयोग के लिए उपलब्ध रहता था, जो आज घटकर 1500 क्यूबिक मीटर रह गया है।कार्यक्रम के जरिये उपस्थित ग्रामीणजनो ने उत्‍साह दिखाते हुए जल संरक्षण एवं जल की बर्बादी को राकने के लिए व्‍यक्तिगत प्रयास का संकल्‍प भी लिया।
  • Special Moments
  • Cultural Programs
  • Testimonials
    श्री राहुल भार्गव जी ने बताया कि लोगों में जल एवं प्रकृति के संरक्षण के प्रति सामूहिक चेतना का निर्माण करके ही जल संरक्षण के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय और ब्रह्माकुमारीज संस्था के द्वारा संयुक्त रूप से संचालित जल-जन अभियान, जल संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। सब इंजीनियर नितेश पंवार ने बताया कि हम बारिश के पानी से मात्र 300 मिलियन क्यूबिक मीटर ही रोक पा रहे हैं। वर्तमान में देश में 750-800 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी की आवश्यकता है। पचास साल पहले हमारे देश में प्रत्येक व्यक्ति के लिए पांच हजार क्यूबिक मीटर पानी उपयोग के लिए उपलब्ध रहता था, जो आज घटकर 1500 क्यूबिक मीटर रह गया है।
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