Program Brief
रतलाम दिनांक 15/09/2023<br/><br/>ब्रह्माकुमारीज डोंगरे नगर द्वारा विश्व अभियंता दिवस मनाया <br/><br/>अभियंता नवनिर्माण के साथ साथ प्रकृति व समाज निर्माण कार्य करें ----- मुख्य रेल मंडल प्रबंधक भ्राता रजनीश कुमार जी<br/><br/>प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय डोंगर नगर स्थित दिव्य दर्शन भवन सेवा केंद्र पर 15 सितंबर विश्व अभियंता दिवस के अवसर पर वर्क लाइफ बैलेंस विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया।<br/><br/>इस कार्यक्रम में मुख्य रेल मंडल प्रबंधक भ्राता रजनीश जी कुमार, वरिष्ठ रेलवे मंडल अभियंता समन्वयक भ्राता अंकित जी गुप्ता, इंजीनियर्स एसोसिएशन के परामर्शदाता भ्राता सुरेंद्र जी पोरवाल, ब्रह्माकुमारी अनीता दीदी, ब्रह्माकुमारी सविता दीदी, ब्रह्माकुमारी आरती बहन द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।<br/><br/>कार्यक्रम में मुख्य रेल मंडल प्रबंधक भ्राता रजनीश जी कुमार ने कहा कि बड़े बड़े निर्माण करने वाले ही इंजीनियर नही बल्कि मजदूर मिस्त्री आदि भी इंजीनियर ही है क्योंकि कार्य कोई छोटा बड़ा नही होता है नव निर्माण का कार्य तो सभी करते हैं, लेकिन मूल काम होता है अपने विवेक का अपने दक्षता का उपयोग करते हुए समाज को आसपास के लोगो को तकलीफ ना देना। इस बात का ध्यान रखें कि नेचर को ईश्वर ने बनाया है , ईश्वर ही पूरे विश्व के सर्वश्रेष्ठ नवनिर्माता हैं ।<br/><br/>ब्रह्माकुमारी अनीता दीदी ने बताया कि मनुष्य का जीवन सर्वश्रेष्ठ है परमात्मा के द्वारा दिया हुआ अमूल्य उपहार है लेकिन देखा गया है कि वर्तमान समय में कार्य की अधिकता के कारण यह जीवन हमारा तनावग्रस्त होता जा रहा है , इंसान अपने आप में बिजी हो गया है। इसके लिए जीवन में बैलेंस होना बहुत जरूरी है और बैलेंस बनाने के लिए स्वयं की पहचान हो कि इन पांच तत्वों के अंदर इसको चलाने वाली चेतना जिसको हम आत्मा कहते हैं, तो शरीर और आत्मा के बीच में संतुलन आवश्यक है, साथ ही मुझ आत्मा का रियल साथी है परमपिता परमात्मा ।उनकी याद के लिए भी कुछ समय निकाले , अपनो के लिए भी समय निकाले ,इसके लिए नितांत आवश्यक है आध्यात्मिकता की। आध्यात्मिकता ही वो साधन है जिसके कारण हम सब जगह बैलेंस बना सकते हैं ।<br/><br/> आपने आगे बताया कि श्रेष्ठ अभियंता जगत नियंता परमात्मा एक ऐसी सृष्टि की रचना कर रहे हैं जहां शेर और गाय भी एक घाट में पानी पीते हैं चारो ओर सुख , शांति व समृद्धि होती है, तो परमात्मा को सदा साथी बनाकर उनके कार्य में मददगार बनना चाहिए, जिससे जीवन में सदा खुशहाली बनी रहे ।<br/><br/>सेवाकेंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने बताया कि हम सब उस परम नियंता के साथी भी है क्योंकि जैसे आप सभी बहुत सुंदर-सुंदर बिल्डिंग बनाते हैं प्लान बनाते हैं वैसे ही परमात्मा के भी बहुत सुंदर प्लान है और वह प्लान है जो अशांत मन है उस अशांत मन को कैसे शांत किया जाए, कार्य करते हुए अपने सुंदर विचारों के माध्यम से अपने श्रेष्ठ विचारों के माध्यम से अपने आसपास के वातावरण को भी हम शुद्ध कैसे बनाएं लेकिन उस विश्व अभियंता ने हमें यही सिखाया है कि यदि कोई गलत भी हमारे लिए कर रहा है तो हमारी जो सोच है हमारा जो चिंतन है वह चिंतन श्रेष्ठ बन जाए और यही राजयोग है। आपके द्वारा सभी को राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास भी कराया गया।<br/><br/>ब्रह्माकुमारी आरती बहन ने कहा कि जीवन और कार्य का बैलेंस रखना बहुत जरूरी है क्योंकि जीवन और कार्य दोनों में से महत्वपूर्ण हमारा जीवन है लेकिन आज हम भाग दौड़ भरी जिंदगी में कार्य को ही सब कुछ समझते हैं और कार्य करते-करते अपने जीवन के मूल्यों को भूलते जा रहे हैं इससे ही जीवन में असंतुलन हो गया है अतः जीवन में हमें उन्ही मूल्यों को पुनः धारण कर जीवन और कार्य में संतुलन बनाए रखना है।<br/><br/>वरिष्ठ रेलवे मंडल अभियंता समन्वयक भ्राता अंकित जी गुप्ता एवं इंजीनियर्स एसोसिएशन के परामर्शदाता भ्राता सुरेन्द्र जी पोरवाल ने सभी को विश्व अभियंता दिवस की शुभकामनाएं दी।<br/><br/>ब्रह्माकुमारी गीता दीदी और ब्रह्माकुमारी सोनू बहन द्वारा सभी इंजीनियर भाइयों का सम्मान किया गया।<br/>इस कार्यक्रम में इंजीनियर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष शलभ अग्रवाल जी, अनिल तिवारी, रवि बोधरा, बालकृष्ण शर्मा, आदित्य पोरवाल, अंकित श्रीमाल, अशोक जी ओस्तवाल, विनोद अग्रवाल , बहन खुशबू राजावत, बहन अदिति सोनगरा, विनोद अग्रवाल, मोहित कुमार, नवीन व्यास प्रदीप सक्सेना, नरसिंग रामटेके जी आदि उपस्थित रहे।<br/><br/>इस कार्यक्रम का कुशल संचालन ब्रह्माकुमारी साक्षी बहन द्वारा किया गया।