प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वाधान में गोविंदपुरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें माउंट आबू से पधारी गीता ज्ञान विशेषज्ञ, मैनेजमेंट ट्रेनर एवं वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी उषा दीदी जी ने अपना वक्तव्य रखा।<br/>वक्तव्य में दीदी ने महाशास्त्र गीता के अध्यायों का समझाया सार। सार बताते हुए दीदीजी ने बताया कि गीता का पहला अध्याय हमे सेल्फ रियलाइजेशन एवं स्वयं की आत्मिक शक्ति को समझना सिखाता है। दूसरा एवं तीसरा अध्याय सिखाता है की हमे इच्छाओं, तृष्णाओं रूपी परछाई के पीछे न भाग ज्ञान सूर्य की ओर मुख कर उसकी ओर बढ़ना चाहिए। जिससे परछाई स्वतः ही हमारे पीछे आने लगेगी।<br/> साथ ही दीदी जी ने बताया कि आज दुख का सबसे मुख्य कारण है कि इंसान देने के गुण को भूल चुका है जिसके कारण वह देवता से लेवता बन गया है। प्रकृति की हर चीज हमें देना सिखाती है जैसे सूर्य हमें रोशनी देता है, बिस्तर हमें आराम देता है इसी प्रकार अगर हम सर्व को शुभ भावना, शुभकामना, दुआएं देने लगे तो हमारे जीवन से दुख खत्म हो सकता है।<br/> इस कार्यक्रम का आयोजन गोविंदपुरा स्थित गोविंदपुरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन में हुआ जहां सभी इंडस्ट्रीज के प्रमुख उपस्थित रहे। कार्यक्रम में उषा दीदी जी के साथ सुख शांति भवन नीलबड़ भोपाल की निदेशिका बीके नीता दीदी जी भी उपस्थित रहे जिन्होंने सभी इंडस्ट्रियलिस्ट को सुख शांति भवन पधार सात दिवसीय राजयोग कोर्स करने का शुभ संकल्प दिया एवं सभी का आभार प्रकट किया।