तनाव प्रबंधन एवं मेडिटेशन कार्यशाला

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Sep 22 - 22, 2022 04:00 PM To 05:00 PM
  • Organiser
    PRAJAPITA BRAHMA KUMARIS ISHWARIYA VISHWA VIDYALAYA ( TRANSPORT AND TRAVEL WING, ADMINISTRATORS SERVICES WING )
  • Category
    Workshop, Meditation Session
  • Occasion
    --
  • Venue
    Manthan Sabhagaar, DRM Office, Samastipur
  • Center Phone
    07739724333
  • Center
    SAMASTIPUR
  • Center Email
    samastipur@bkivv.org
  • Subject/Topic/Theme
    तनाव प्रबंधन एवं मेडिटेशन कार्यशाला ( General )
  • Speaker
    Rajyogi BK Atam Prakash Bhaiji, Mt. Abu,<br/>
  • Guests
    Shri. Alok Agrawal, Divisional Railway Manager, Samastipur, Shri. Manish Kumar Sharma, Additional Divisional Railway Manager, Samastipur, Shri. J.K. Singh, Additional Divisional Railway Manager, Samastipur Shri. Om Prakash Singh, Senior Divisional Personnel Manager, Samastipur
  • Beneficieries
    333
  • Audience Type
    --
  • Program Brief
    समस्तीपुर रेल मंडल और ब्रह्माकुमारीज़ के मंथन सभागार में तनाव प्रबंधन एवं मेडिटेशन कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका दीप प्रज्ज्वलन द्वारा विधिवत् उद्घाटन डीआरएम आलोक अग्रवाल, माउंट आबू, राजस्थान से पधारे वरिष्ठ राजयोगी भ्राता आत्मप्रकाश जी, एडीआरएम जेके सिंह ने संयुक्त रूप से किया।<br/><br/>विषय पर संबोधित करते हुए राजयोगी भ्राता आत्मप्रकाश जी ने कहा कि तनाव अर्थात् परिस्थिति बट्टा मनोस्थिति। परिस्थिति अर्थात् जो बातें लोगों के द्वारा समय-समय पर हमारे पास आती रहती हैं, जिन पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है, लेकिन मनोस्थिति तो हमारे नियंत्रण में हो सकती है। हम मनोस्थिति के बजाय परिस्थितियों पर नियंत्रण करने की कोशिश करते हैं, इससे हमारा तनाव घटने की बजाय बढ़ता रहता है। हमारी मनोस्थिति हमारे नियंत्रण में होगी तो हमारी खुशी और शक्ति दोनों में ही वृद्धि होगी और हम किसी भी प्रकार की परिस्थिति को आसानी से संभाल सकेंगे। इसलिए किसी ने बहुत सही कहा है कि शक्तिशाली लोगों के लिए परिस्थिति एक अवसर होती है, साधारण लोगों के लिए चुनौती और कमजोर लोगों के लिए समस्या का पहाड़ होती है। तनावग्रस्त मन हमारे शरीर को रोगग्रस्त करता है। जब हम तनाव में होते हैं तो शरीर में स्ट्रेस हार्मोन्स का निर्माण होता है शरीर की अरबों-खरबों कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं। इसके विपरीत जब हम खुश रहते हैं तो हैप्पी हार्मोंस का निर्माण होता है जो हमारे शरीर को तंदुरुस्त और स्फूर्त रखते हैं। आज हम तनाव मुक्ति के लिए बहुत कुछ सुनते-पढ़ते हैं लेकिन इससे बहुत ज्यादा फायदा नहीं होता है। युक्ति अर्थात् ज्ञान के साथ-साथ शक्ति की भी जरूरत है, तब हमें चिंता-तनाव-दु:ख से मुक्ति मिल सकती है। हमें शक्ति मिलती है राजयोग से। इस विधि से हमारा बुद्धियोग परमपिता परमात्मा के साथ जुड़ता है और आत्मा शक्तिशाली बनती है। उन्होंने ईश्वरीय विश्व विद्यालय के लाखों भाई-बहनों के तनावमुक्त जीवन का उदाहरण दिया। उन्होंने विषय पर संबोधन के पश्चात् सभी को राजयोग की बहुत सुंदर अनुभूति भी कराई।<br/><br/>इससे पूर्व डीआरएम आलोक अग्रवाल ने राजयोगी भ्राता आत्म प्रकाश जी को पुष्पगुच्छ एवं मेमेंटो देकर व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया व उनका एवं ईश्वरीय विश्व विद्यालय के अन्य आगंतुक सदस्यों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन सीनियर डीपीओ ओमप्रकाश सिंह व ईश्वरीय विश्व विद्यालय के कृष्ण भाई जी ने किया। <br/><br/>कार्यक्रम में ईश्वरीय विश्व विद्यालय की ओर से बीके सविता बहन व बीके तरुण सहित समस्तीपुर रेल मंडल के ‌अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
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