Program Brief
नेव्योर्क से पधारे ब्रह्मकुमार रामप्रकाश सिंघल भाई ने कहा कि सात अरब सत्कर्मों की महायोजना प्रोजेक्ट द्वारा सम्पूर्ण विश्व में सत्कर्मों की लहर फैलाकर लोगों में प्रेम, एकता और भाईचारे की भावना जागृत करना है, जिससे उनका जीवन सुख, शान्ति, आनंद और पवित्रता जैसे गुणों से परिपूर्ण हो सके तथा वे विकारों, बुराइयों जैसे अवगुणों से मुक्त होकर अपना जीवन श्रेष्ठ बना सके। हमारे द्वारा किए गए छोटे-छोटे सत्कर्म ही हमारे जीवन में खुशियों के स्रोत होते हैंं। स्थूल धन और वस्तुओं को जरूरतमंद लोगों को देना ही वास्तविक सत्कर्म नहीं है,परन्तु स्वयं को इस शरीर द्वारा कर्म करने वाली चैतन्य शक्ति आत्मा समझकर कर्म करने से हमारे साधारण कर्म भी मानवता के लिए कल्याणकारी और प्रेरक बन जाते हैंं। इस प्रकार आप इस अनोखे महाअभियान की नीतियों, कार्यक्रमों तथा क्रियान्वयन में सहभागी बनकर दु:ख से कराह रही मानवता के बोझ को कम करने में अपना योगदान दे सकते हैंं। ज्ञान संजीवनी भवन धनवंतरी नगर की संचालिका ब्रकु श्वेता ने अपने वक्तव्य में कहा कि कोई भी विद्यालय ऐसा नहीं जहां कर्मों की (कार्मिक एकाउंट) पढ़ाई जाती हो, और कर्म के साथ तो फल जुड़ा हुआ ही है। ब्र.कु. रामप्रकाश इस प्रोजेक्ट के मुख्य संचालक हैं। उन्होंने 11 सितम्बर, 2001 में वल्र्ड ट्रेड सेंटर में हुए आतंकवादी घटना में कई लोगों को सुरक्षित निकाला था।