Program Brief
स्वर्णिम भारत के निर्माण में न्यायविदों की भूमिका का र्कायक्रम का आयोजन जिला बार एसोसिएशन,अंबाला , न्यायविद विंग, आर ई आर एफ, ओर प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ अंबाला कैंट द्वारा 6 मई को 12:45 बजे बार हाल में आयोजन किया गया । राजयोगिनी बीके शैली बहन और अधिवक्ता सुनील जैन, सचिव जिला बार एसोसिएशन ने मंच संचालन किया |सेमीनार का आरंभ अधिवक्ता सांस्कृतिक समूह ने गीत के द्वारा किया, राष्ट्रगान किया गया, और अधिवक्ता बीके राकेश मेहता ने न्यायविद विंग, आर ई आर एफ की गतिविधियां से सबको अवगत कराया। उन्होंने कहा की कानून और आध्यात्मिकता साथ चलते है, जिसके लिए ब्रह्मकुमारिज का न्यायविद प्रभाग आने वाले 17-19 जुलाई को एक राष्ट्रीय सेमिनार को माउंट आबू में आयोजन किया गया । उन्होंने सभा में मौजूद सभी गणमान्य व्यक्तियों और सभी न्यायविद को राष्ट्रीय सेमिनार में भाग लेने केलिए आमंत्रित किया। सेमीनार के मुख्य अतिथि डॉ रश्मि ओझा, बी. एससी, एलएल.एम (गोल्ड मेडलिस्ट), पीएच.डी, पीजीडी (एचआर) के द्वारा मुख्य भाषण दिया गया; जिसमे उन्होंने सेमिनार आयोजन के मुख्य विषय स्वर्णिम भारत के निर्माण में न्यायविदों की भूमिका बताते हुए कहा की आज संसार जिन परिस्थितियों में जूझ रहा है, ऐसे तनाव भरे माहौल में, उसे उचित न्याय प्रणाली की सख्त आवश्यकता है,आज कितने ही मुकदमे कोर्ट में हर रोज आते हैं और कई मुकदमों की सुनवाई में सालों-साल बीत जाते हैं और कई मुकदमे ऐसे होते हैं जिनमें सालों-साल बीतने के बाद भी न्याय नहीं मिल पाता है। स्वयं की सच्ची आत्मिक पहचान पाने के बाद आत्मा को अपने परम पिता परमात्मा से योग के द्वारा जोड़कर ही आत्मा की शक्ति को बढ़ाया जा सकता है इसके द्वारा ही सही और गलत की परख शक्ति को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने बताया अब तो वैज्ञानिक भी आत्मा का अस्तित्व मान चुके हैं। आज जीवन के हर पहलू में आत्मा की फुल चार्जिंग की आवश्यकता है। इसलिए हम सबको राजयोग का अभ्यास कर अपनी आंतरिक शक्ति को बढ़ाना चाहिए। राजयोगिनी बीके शिवानी बहन ने मेडिटेशन के द्वारा सबको सुख शांति व आनंद की अनुभूति कराई। वशिष्ठ मुख्य अतिथि माननीय जस्टिस श्रीमान ए एन जिंदल, पूर्व न्यायाधीश, पंजाब ऐंड हरियाणा उच्च न्यायालय, चण्डीगढ़ ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए सभा में मौजूद सभी अधिवक्ताओं से अनुरोध किया कि हम सबको अपना कार्य बहुत इमानदारी से<br/>करना चाहिए एवं न्याय की चाहना रखने वाले सभी व्यक्तियों को उचित न्याय दिलवाना चाहिए । उन्होंने बताया कि मैं ब्रह्माकुमारी संस्था की गतिविधियों के साथ पिछले कई वर्षों से जुड़ा हुआ हूं। आज समाज को जिस बदलाव की आवश्यकता है वह कार्य ब्रह्माकुमारीज द्वारा बखूबी निभाया जा रहा है। जिला और सत्र न्यायाधीश श्रीमती नीरजा कलसान जी ने कहा की सर्वे के<br/>अनुसार आज लगभग 4 करोड़ केसेस बकाया है इससे पता चलता है की आज भी लोगो का न्याय व्यवस्था पर विश्वास है, इसलिए हमें उनके हितों को ध्यान में रखते हुए कार्य करना चाहिए। बार प्रेजिडेंट श्रीमान दिलबाग जी ने सबका धन्यवाद किया व अपनी शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी, आई ए एस, आई पी एस अधिकारी, अंबाला ओर अन्य सामाजिक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने सेमिनार की शोभा बढ़ाई |