Program Brief
पुलिस थाना सकरी में ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा रक्षाबंधन पर्व मनाया गया जिसमें बीके छाया दीदी (ब्रह्मा कुमारीज उसलापुर सेवा केंद्र संचालिका) ने रक्षाबंधन के आध्यात्मिक रहस्य एवं महत्व को बताते हुए कहा कि रक्षाबंधन के दो शब्द हैं रक्षा और बंधन. आज हम रक्षा करते हैं स्वयं की, अपने परिवार की, समाज की, देश की, चरित्र की और इन सबसे महत्वपूर्ण है आत्मरक्षा. आत्मरक्षा के लिए ज्ञान की आवश्यकता होती है क्योंकि जब तक ज्ञान नहीं है, विवेक नहीं है तब तक हम बुराइयों से अपनी रक्षा नहीं कर पाते. <br/> हमारा शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना हुआ है और हम इस शरीर को चलाने वाली एक चैतन्य शक्ति हैं जो सात गुणों ( ज्ञान, शक्ति, प्रेम, आनंद, पवित्रता, सुख, शांति) से मिलकर बनी हुई है. उन्होंने एग्जांपल बताते हुए कहा कि जिस प्रकार एक नेता जब तक सीट पर है तब तक उसका कहना सभी मानते हैं, सीट से उतरने के बाद उसका कहना कोई नहीं मानता उसी प्रकार जब हम अपने आत्मिक स्वरूप में रहते हैं तो हमारी कर्मेंद्रियां, हमारे संस्कार हमारे अनुसार चलते हैं और जब हम स्वयं को भूल शरीर समझते हैं तो बॉडी कॉन्शियस के कारण ही हमारे अंदर नेगेटिविटी आती है. उन्होंने आगे कहा कि जब एक पौधा लगाया जाता है तो उसकी जड़ों में पानी डाला जाता है तब वह पौधा वृद्धि को प्राप्त करता है. ठीक ऐसे ही हमें स्वयं को ज्ञान से भरपूर करना है इसके लिए मेडिटेशन आवश्यक है जिससे हम स्वयं की रक्षा बुराइयों से कर सकते हैं।<br/> आगे दीदी ने परमात्मा का परिचय देते हुए कहां की हमारे दो पिता है एक शरीर का पिता जो सभी का अलग-अलग है और एक है आत्मा का पिता जिसे हम परमपिता परमात्मा कहते हैं<br/> छाया दीदी ने माननीय अमन कुमार झा (आईपीएस ऑफिसर) एवं सभी पुलिस ऑफिसर को राखी बांधते हुए ईश्वरीय सौगात भेंट की.