Engineers Day

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Sep 15 - 15, 2024 02:00 PM To 04:00 PM
  • Organiser
    RAJYOGA EDUCATION AND RESEARCH FOUNDATION ( SCIENTISTS, ENGINEERS & ARCHITECTS WING )
  • Category
    Seminar
  • Occasion
    National Enginners Day
  • Venue
    Brahma Kumaris, Mulya Upvan, Acharpura
  • Center Phone
    09425303630
  • Subject/Topic/Theme
    Engineers Day ( General )
  • Speaker
    B.K. Kiran : In Charge, Brahma kumaris, Mulya Upvan, Acharpura<br/>Dr. Mohan Sen : Registrar, Rajiv Gandhi Praudyogiki, Vishvavidyalaya (RGPV)<br/>Dr. S S Bhadouriya : Director, University Institute of Technology, RGPV<br/>Vijay Mahipatrao Bankar, Deputy General Manager, MSME Technology Centre<br/>Dr. Ajay, Principal Scientist, Indian Institute of soil Science
  • Guests
    Dr. Mohan Sen : Registrar, Rajiv Gandhi Praudyogiki, Vishvavidyalaya (RGPV) Dr. S S Bhadouriya : Director, University Institute of Technology, RGPV Vijay Mahipatrao Bankar, Deputy General Manager, MSME Technology Centre Dr. Ajay, Principal Scientist, Indian Institute of soil Science
  • Beneficieries
    50
  • Audience Type
    --
  • Links
    --
  • Program Brief
    सादर प्रकाशनार्थ <br/><br/>ब्रह्मा कुमारीज़ मूल्य उपवन अचारपुरा में मनाया गया इंजीनियर्स डे<br/><br/>जड़ और चेतन को वैज्ञानिक दृष्टि से समझकर आत्मसात करने से ही मानव का सर्वांगीण कल्याण संभव<br/> - बी के किरण <br/><br/>वास्तव में जड़ का ज्ञान भौतिक विज्ञान है और चेतना का ज्ञान आध्यात्मिक विज्ञान है। जड़ का ज्ञान हमारी इन्द्रियों या उपकरणों की सहायता से प्राप्त होता है और नित नए संशोधनों से गुजरता है। चेतना का ज्ञान इंद्रियातीत है जो कि भावनात्मक रूप से सदा ही अनुभव में आता है, लेकिन हम उसे भी भौतिक मस्तिष्क की कार्य प्रणाली समझने की भूल कर बैठते हैं और चेतना जैसी इंद्रियातीत सत्ता के अस्तित्व को ही नकार देते हैं और इस कारण से अध्यात्म को एक अंध विश्वास समझ बैठते हैं, जिसके फलस्वरूप यह विज्ञान के विरुद्ध खड़ा हुआ नजर आता है। लेकिन जिस तरह हम विचार करते हुए भी विचार दिखा नहीं सकते ठीक उसी तरह चेतना होते हुए भी चेतना को देख नहीं सकते । अतःआवश्यकता है जड़ और चेतन को उनके वास्तविक परिप्रेक्ष्य में विज्ञान सम्मत ढंग से समझकर दोनों को मानवता के कल्याण अनुरूप आत्मसात करने की। उक्त विचार ब्रह्मा कुमारीज़ मूल्य उपवन प्रभारी ब्रह्माकुमारी किरण ने इंजिनियर्स डे के उपलक्ष्य में इंटीग्रेटिंग साइंस एंड स्पिरिचुअलटी फॉर द वेलफेयर ऑफ ह्यूमैनिटी विषय पर आयोजित सेमिनार में रखे।राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय के रजिस्ट्रार डॉक्टर मोहन सेन जी ने मुख्य अतिथि के रूप में अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि करूणा भाव के साथ सभी की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का प्रयोग करना ही विकास में आध्यात्मिकता का समावेश करना है। विज्ञान तन को सुकून देता है, जबकि अध्यात्म मन को सुकून देता है।<br/>राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के निदेशक डाक्टर एस एस भदौरिया ने कहा कि अध्यात्म सूक्ष्म विषय अवश्य है लेकिन सभी क्षेत्रों के टिकाऊ विकास में सहायक है।<br/>एम एस एम ई टेक्नोलॉजी सेंटर के डी जी एम विजय महिपतराव बंकर ने कहा की अध्यात्म जीवन के हर पड़ाव में सकारात्मक रहने की अद्भुत शक्ति प्रदान करता है।<br/>इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्वाइल साइंस के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉक्टर अजय ने कहा कि सब एटॉमिक पार्टिकल की खोज से जैसे विज्ञान को नए आयाम मिले ठीक उसी तरह सर्वाधिक सूक्ष्म चेतना के अध्ययन से विज्ञान के कई अनुत्तरित प्रश्नों का समाधान प्राप्त हो सकता है। इंट्रॉपी को उसके न्यूनतम स्तर पर रख पाना ही विज्ञान की महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी।<br/>आर के डी एफ यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर डॉक्टर वी के पाण्डेय जी ने कहा कि सर्व के सहयोग से ही सुखमय संसार लाया जा सकता है और इस सहयोग भावना को विकसित करने का कार्य अध्यात्म करता है। थ्री आर रिन्यूअल एनर्जी, रीसाइक्लिंग और रियूज को अपनाकर ही हम अपने अस्तित्व को अक्षुण्ण रख सकते हैं।<br/> दीप प्रज्जवलित करके सेमिनार का उद्घाटन किया गया। इंजिनियरिंग के छात्रों, संकाय सदस्य एवं अन्य इंजीनियर्स ने सेमिनार का लाभ लिया।<br/>सेमिनार के अंत में मेडीटेशन कमेंट्री द्वारा आध्यात्मिक सत्ता का अनुभव कराया गया।
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