आन्तरिक शक्तियों द्वारा खुशनुम: एवं स्वस्थ जीवन

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Jul 26 - 26, 2022 06:00 PM To 08:00 PM
  • Organiser
    PRAJAPITA BRAHMA KUMARIS ISHWARIYA VISHWA VIDYALAYA ( BUSINESS AND INDUSTRY WING )
  • Category
    Public Event
  • Project
    General (Azadi Ka Amrit Mahotsav)
  • Occasion
    --
  • Venue
    Jagdamba Palace, Mathurapur, Samastipur
  • Center Phone
    07739724333
  • Center
    SAMASTIPUR
  • Center Email
    samastipur@bkivv.org
  • Subject/Topic/Theme
    आन्तरिक शक्तियों द्वारा खुशनुम: एवं स्वस्थ जीवन ( General (Azadi Ka Amrit Mahotsav) )
  • Speaker
    BK Krishna Bhai jee<br/>BK Tarun<br/>BK Savita Behan jee
  • Guests
    Prem Prakash Gupta (Host of the Programme/Owner of Jagdamba Palace &amp;amp; Renowned Businessman), Samastipur Satish Chandna (Proprietor, Hero Show Room, Samastipur)
  • Beneficieries
    112
  • Audience Type
    --
  • Links
    --
  • Program Brief
    आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सह-संस्थान राजयोगा एज्युकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के व्यापार एवं उद्योग प्रभाग द्वारा मथुरापुर स्थित जगदम्बा पैलेस में व्यवसायियों एवं उद्योगपतियों के लिए आन्तरिक शक्तियों द्वारा खुशनुम: एवं स्वस्थ जीवन विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका उद्घाटन समस्तीपुर के प्रमुख व्यवसायी प्रेम प्रकाश गुप्ता, सतीश चांदना, सविता बहन एवं कृष्ण भाई ने दीप प्रज्ज्वलन द्वारा सामूहिक रूप से किया।<br/><br/>कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृष्ण भाई ने कहा कि इस ईश्वरीय विश्व विद्यालय का व्यवसायी बंधुओं से बहुत गहरा संबंध है। इसके फाउंडिंग फादर दादा लेखराज जी का 1936 तक कोलकाता में हीरे-जवाहरात का बड़ा व्यवसाय था। उन्होंने परमात्मा को पाने के लिए 12 गुरु किये हुए थे, फिर भी उनकी प्यास नहीं बुझी थी। 1936 में परमपिता परमात्मा शिव ने अनेक साक्षात्कारों के माध्यम से उन्हें अनुभव कराया कि निकट भविष्य में इस कलियुगी दुनिया का महाविनाश होने वाला है, आपको अब सतयुगी दुनिया के निर्माण के कार्य के लिए मेरा साकार माध्यम बनना है ‌और फिर उन्होंने परमात्मा के आदेश पर अपने संपूर्ण व्यवसाय को समेट कर सारी धन-संपत्ति ईश्वरीय सेवा में समर्पित कर दी और परमात्मा ने उन्हें प्रजापिता ब्रह्मा के नाम से सुशोभित किया। परमात्मा शिव प्रतिदिन उनके तन में प्रविष्ट होकर उनके मुख से ज्ञान-रत्नों की वर्षा करने लगे, परिणामस्वरूप आज 86 वर्षों में इस ईश्वरीय ज्ञान का इतना प्रचार-प्रसार हुआ कि लोग जीवन में सुख-शान्ति-खुशी और परमात्मा-मिलन का अनुभव कर रहे हैं।<br/><br/>बी.के. तरुण ने विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि आन्तरिक शक्तियों के बिना सबकुछ होते भी हम सच्ची खुशी व शान्ति का अनुभव नहीं कर सकते। आन्तरिक शक्ति अर्थात् हमारे सकारात्मक विचारों की शक्ति, निर्णय शक्ति और श्रेष्ठ संस्कारों की शक्ति। राजयोग के नियमित अभ्यास से हमारी आन्तरिक शक्तियों में उत्तरोत्तर वृद्धि होती है।<br/><br/>सविता बहन ने सभी को राजयोग मेडिटेशन का बहुत सुंदर अनुभव कराया। राजकुमार भाई ने सभी का स्वागत किया। गौरव गुप्ता ने धन्यवाद-ज्ञापन किया।<br/><br/>कार्यक्रम में सैकड़ों व्यवसायी उपस्थित थे।
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