ब्रह्माकुमारीज के व्यापार प्रभाग एवं ग्राम विकास प्रभाग के अंतर्गत कृषि से संबंधित दवाई,खाद बीज व्यापारियों के लिए आयोजित हुआ तनाव मुक्त जीवन जीने की कला विषय पर कार्यक्रम।<br/>उक्त कार्यक्रम कृषि विज्ञान केंद्र में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शिव वरदानी धाम हरायपुरा शाजापुर द्वारा आयोजित किया गया। उक्त कार्यक्रम में मुख्य वक्ता ब्रह्माकुमारी पूनम बहन जी रहे।<br/> पूनम बहन जी ने तनाव मुक्ति एवं सुखी जीवन विषय पर उद्बोधन देते हुए कई टिप्स व्यापारी भाइयों को सिखलाई उन्होंने कहा कि जब मनुष्य घर में होता है तो व्यापारिक तनाव अपने दिमाग में रखता है और जब व्यापार में दूकान पर जाता है तो घर का तनाव व्यापार में लेकर जाता है वास्तव में वह जीवन को सही तरीके से जी नहीं पा रहा है हम जीवन जीने के लिए व्यापार व्यवसाय कर रहे हैं ना कि व्यापार के लिए जी रहे हैं इसलिए हम अपने बिजनेस धंधे को समय अवश्य दें लेकिन जब हम घर में परिवारों के बीच होते हैं तो उन्हें भी समय अवश्य दें और अपने व्यापार का तनाव घर में ना लाएं क्योंकि इससे हमारे घर का वायुमंडल भी खराब हो जाता है और हमारे एक के कारण घर के सभी सदस्य तनाव में आ जाते हैं। परिवार के बीच खुशी में रहें उनसे अच्छी अच्छी बातें करें ना कि व्यापार तनाव की बातें इससे आप भी तनाव मुक्त हो जाएंगे और घर में व्यर्थ बातों का लेनदेन नहीं होगा।<br/> हम और सुख और शांति पाने के लिए ही व्यापार करते हैं और देखा जाता है कि आज मनुष्य के पास साधनों की कोई कमी नहीं है लेकिन साधनों से सुख एवं शांति की प्राप्ति नहीं हो सकती उसके लिए आपको अपने दैनिक कार्यों के अलावा एक घंटा ईश्वर अर्थ अपने कल्याण के लिए जरूर निकालना होगा राजयोग एक ऐसी प्रक्रिया है जो मन को शांति देती है और शांति ही हम मनुष्य आत्माओं का वास्तविक भोजन है जिस प्रकार शरीर को भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार आत्मा के मन बुद्धि को शांति की आवश्यकता है किंतु हम उसे अशुद्ध संकल्पों का ही भोजन देते हैं अशुद्ध विचारों के द्वारा नेगेटिविटी एवं व्यर्थ बातों में अधिक समय रहते हैं इसलिए हम अशांत हो जाते हैं और तनावग्रस्त हो जाते हैं और कई बार घर परिवार में विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है और ऐसा ही व्यापारिक जीवन में भी हो जाता है। इसलिए अपने मन बुद्धि को शांत एवं सुखी रखने के लिए उसे सकारात्मक विचारों का संकल्पों का भोजन दें और राजयोग एक ऐसी प्रक्रिया है जो मन बुद्धि को शांत कर देती है।<br/> वही कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी चंदा बहन जी ने भी तनाव मुक्त जीवन विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि जिस प्रकार से तार में करंट पहुंचाने के लिए उसकी रबर को उतारना आवश्यक होता है और यदि एक तार पर भी रबड़ चढ़ा होगा तो करंट नहीं पहुच पाता है उसी प्रकार जब आत्मा और परमात्मा का मिलन करना हो तो हमें हमारे शारीरिक भान से ऊपर आत्मिक स्थिति में स्थित होना पड़ेगा तभी हमें परमात्मा से सच्चे सुख और शांति की अनुभूति होगी। यदि आप सच्चा सुख ओर शांति चाहते हैं तो अपने समय का एक घंटा निकालकर ब्रह्माकुमारीज द्वारा सिखलाए जा रहे निशुल्क राजयोग शिविर को जरूर अटेंड करें केवल 7 दिन 1 घंटे का समय देने पर आप राजयोग को सीख सकते हैं. और अपने जीवन को तनाव मुक्त एवं सुखमय में बना सकते हैं।<br/> <br/> कार्यक्रम में मंच का संचालन कृषि विज्ञान केंद्र के संचालक एवं वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ.अंबावतीया साहब ने किया उन्होंने अपना जीवन का अनुभव सुनाते हैं कहा कि मैं भी प्रतिदिन सुबह 4:00 बजे उठ जाता हूं ओर राजयोग का अभ्यास करता हूं।<br/>वास्तव में मन का प्रभाव हमारे तन के ऊपर पड़ता है और करोड़ों रुपया खर्च करने के बाद भी शारीरिक बीमारियों पर जीत नहीं प्राप्त कर सकते उन्होंने कहा कि हमारे शरीर का मूल्य साइंस के हिसाब से 300 करोड़ से भी अधिक है इसीलिए स्वयं के लिए भी थोड़ा समय अवश्य निकाल कर अपने बहुमूल्य शरीर की कीमत को समझें जीवन को सुखमय और खुशी शांति से भरपूर करें सुख शान्ति से ही बीमारियों से बचा जा सकता है। हम सुख शांति नहीं खरीद सकते उसे हमें अपने अंदर से ही जगाना पड़ेगा।<br/>