प्रेस विज्ञप्ति<br/>- राजयोग से होती हैं हमारी आंतरिक शक्तियां जागृत - डॉ. डी.आर.कार्तिकेयन<br/>- व्यापार एवं उद्योग जगत से जुड़े लोगों के लिए तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ<br/>- ब्रह्माकुमारीज के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में हुआ आयोजन<br/>- संस्था के व्यापार एवं उद्योग प्रभाग के अंतर्गत हुआ कार्यक्रम<br/>- कार्यक्रम में उद्योग जगत की नामचीन हस्तियों सहित 800 से भी अधिक लोगों ने की शिरकत<br/><br/>03 फरवरी 2024, गुरुग्राम<br/>ब्रह्माकुमारीज महिलाओं के द्वारा संचालित विश्व में सबसे बड़ी आध्यात्मिक संस्था है। ब्रह्माकुमारीज बहनें आत्मिक सशक्तिकरण पर विशेष बल देती हैं।<br/>उक्त विचार सीबीआई के पूर्व निदेशक डॉ. डी.आर. कार्तिकेयन ने व्यक्त किए। डॉ. कार्तिकेयन ब्रह्माकुमारीज के भोराकलां स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में व्यापारियों एवं उद्यमियों के लिए आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। "व्यवसायियों एवं उद्योगपतियों को चुनौतियों पर विजय प्राप्त करने के लिए आंतरिक शक्तियों का विकास" विषय पर उन्होंने अपनी बात रखी।<br/>उन्होंने कहा कि शारीरिक एक्सरसाइज शरीर को ठीक रख सकती है लेकिन आत्मा को स्वस्थ रखने के लिए मन की एक्सरसाइज जरूरी है। उन्होंने कहा कि तनाव विश्व में व्यापक रूप लेता जा रहा है। तनाव को कम करने के लिए राजयोग जरूरी है। उन्होंने कहा कि राजयोग हमें स्वयं की पहचान कराता है। राजयोग हमारी आंतरिक शक्तियों को जागृत करता है। उन्होंने कहा कि वो काफी समय से ब्रह्माकुमारीज से जुड़े हैं।<br/><br/>- आंतरिक शक्तियों के द्वारा ही चुनौतियों से सामना<br/><br/>ओम शांति रिट्रीट सेंटर की निदेशिका राजयोगिनी आशा दीदी ने मुख्य वक्ता के रूप से सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आंतरिक शक्तियों के द्वारा ही हम चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। मन की उलझन घटना को बड़ा बना देती है। उन्होंने कहा कि जीवन में दूसरों का प्रभाव हमें कमजोर बना देता है। हमारी आंतरिक शक्ति तभी कार्य करती हैं, जब हम उलझनों से मुक्त रहते हैं। आज ज्यादातर लोग ईश्वर की महिमा तो करते हैं लेकिन स्वयं के जीवन में गुणों को धारण नहीं करते। उन्होंने कहा कि राजयोग के माध्यम से ही हम स्वयं को सशक्त बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि चुनौतियों को अवसर के रूप में महसूस करने से आंतरिक शक्ति का विकास होता है।<br/><br/>- चुनौतियां बनाती हैं हमें ताकतवर<br/><br/>मुम्बई से पधारी संस्था के व्यापार एवं उद्योग प्रभाग की उपाध्यक्ष राजयोगिनी योगिनी दीदी ने कार्यक्रम में अपना प्रेरणादायक वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि चुनौतियां हमें ताकत देती हैं। चुनौतियां हमें नए अवसर प्रदान करती हैं। चुनौतियों से ही जीवन में निखार आता है। ब्रह्मा बाबा का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि बाबा ने चुनौतियों का सामना करके ही संस्था को आज इस स्तर पर पहुंचाया।<br/>कौशल विकास एवं आजीविका के अध्यक्ष हरभजन सिंह ने कहा कि आज अपनी स्वीकृति बनाना सबसे बड़ी चुनौती है। लेकिन सबसे बड़ी बात है, अपनी भूमिका ईमानदारी से निभाना है।<br/><br/>हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने कहा कि योग के द्वारा उन्होंने कैंसर जैसी बीमारी पर जीत प्राप्त की।<br/><br/>ब्रह्माकुमारीज के फरीदाबाद स्थित सेवाकेंद्रों की निदेशिका राजयोगिनी उषा दीदी ने राजयोग का अभ्यास कराया। उन्होंने कहा कि आंतरिक चेतना की जागृति से ही जीवन में शक्तियों का संचार होता है।<br/><br/>- आंतरिक शक्तियों के द्वारा चुनौतियों का सामना पर विषय 5 फरवरी से की जायेगी अभियान की शुरुआत<br/>बीके विधात्री ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज के द्वारा आंतरिक शक्तियों के द्वारा चुनौतियों का सामना विषय पर 5 फरवरी से एक अभियान की शुरुआत की जाएगी। इसके लिए अलग-अलग कंपनीज, संस्थानऔर व्यावसायिक संस्थाओं में जाकर लोगों को जागृत किया जाएगा।<br/>एक्सेंचर, गुरुग्राम के मैनेजिंग डायरेक्टर विशाल जैन एवं महावीर इंटरनेशनल इंडिया के निदेशक प्रदीप जैन ने भी कार्यक्रम के प्रति अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की।<br/>बीके जागृति ने व्यापार एवं उद्योग प्रभाग के द्वारा की जा रही सेवाओं की जानकारी दी। बीके सुरेंद्र ने शब्दों के द्वारा सबका धन्यवाद किया। मंच संचालन बीके प्रिया एवं बीके अमृता ने किया। कार्यक्रम में 800 से भी अधिक लोगों ने शिरकत की।<br/><br/>------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------<br/><br/>प्रेस विज्ञप्ति<br/>- आध्यात्मिकता हमें स्वयं से जोड़ती है - बीके शिवानी<br/>- व्यापार एवं उद्योग प्रभाग के राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन<br/>- जीवन में मूल्यों को अपनाने पर दिया गया जोर<br/><br/>06 फरवरी 2024, गुरुग्राम<br/>ब्रह्माकुमारीज के बहोड़ा कलां स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में व्यापार एवं उद्योग प्रभाग के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन हुआ। सम्मेलन में काफी संख्या में व्यापारियों एवं उद्यमियों ने शिरकत की। कार्यक्रम में राजयोग प्रशिक्षण के साथ-साथ विशेषज्ञों द्वारा आध्यात्मिकता की बारीकियों को समझाया गया। अनेक कार्यशालाओं के माध्यम से भी वर्तमान परिस्थितियों का सामना करने के लिए आंतरिक शक्तियों को जागृत करने पर वक्ताओं ने चर्चा की।<br/><br/>इस अवसर पर विशेष रूप से सुप्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर ब्रह्माकुमारी शिवानी ने अपने अनुभवी वक्तव्य से सबको प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आज हमारा ध्यान ज्यादातर दूसरों पर ही रहता है। जिस कारण किसी भी व्यक्ति अथवा परिस्थिति के प्रभाव में आ जाते हैं। दूसरों के प्रभाव में आने के कारण आंतरिक शक्ति कमजोर हो जाती है। आध्यात्मिकता हमें स्वयं से जोड़ती है। जितना हम खुद से जुड़ते हैं, उतना ही अपने सामर्थ्य को बढ़ाते हैं। आध्यात्मिकता का अर्थ ये नहीं है कि सब कुछ छोड़ दें। बल्कि घर परिवार में रहकर जीवन को आदर्श और बेहतर बनाएं।<br/><br/>- किसी भी परिस्थिति ने रिएक्ट करने की बजाय रिस्पॉन्ड करना सीखें<br/><br/>बीके शिवानीने कहा कि सकारात्मक दृष्टिकोण जीवन को सरल बनाता है। हमारे मन से निकलने वाले पॉजिटिव वाइब्रेशन प्रकृति को भी परिवर्तन करते हैं। उन्होंने कहा कि चाहे कोई कैसा भी हो लेकिन हमें सबके लिए पॉजिटिव ही सोचना है। जितनी देर तक हम मन में दूसरों की बातों को पकड़ कर रखते हैं, उतना ही आत्मा का एनर्जी लेवल घटता है। किसी भी परिस्थिति में रिएक्ट करने के बजाय रेस्पोंड करना सीखें।<br/><br/>