Program Brief
प्रेसनोट.... सादर प्रकाशानार्थ<br/><br/>*आप जैसा बनना चाहते हैं वैसा ही संकल्प करें, अच्छा सोचेंगे तो अच्छा बन जाएंगे: बीके छाया दीदी*<br/>- ब्रह्माकुमारीज के सागर सेवाकेंद्र पर प्रशासन और शासन में आध्यात्मिकता विषय पर सेमिनार आयोजित<br/>- शहरभर से प्रशासन से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी हुए शामिल<br/>- आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर अभियान के तहत आयोजन<br/>26 फरवरी, सागर। <br/>आप जैसा सोचते हैं वैसा ही आपका व्यक्तित्व बनने लगता है। आप जीवन में जो बनना चाहते हैं वही सोचें और उसी दिशा में कर्म करें। अच्छा सोचते सोचते एक दिन अच्छे जरूर बन जाएंगे। ब्रह्माकुमारीज में सर्व के प्रति शुभ भावना, शुभ कामना, सकारात्मक चिंतन, श्रेष्ठ चिंतन, परमात्म चिंतन और आत्म चिंतन करने की कला सिखाई जाती है। यहाँ के ज्ञान से कर्मकुशलता और कर्म प्रवीणता का ज्ञान होता है। <br/>उक्त उदगार ब्रह्माकुमारीज संस्थान के सागर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके छाया दीदी ने व्यक्त किए। प्रभाकर नगर, मकरोनिया स्थित सेवाकेन्द्र पर शनिवार को प्रशासन और शासन में आध्यात्मिकता विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया। आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर अभियान के तहत आयोजित इस सेमिनार में उन्होंने शहरभर से आये बैंक के अधिकारी- कर्मचारियों को जीवन में आध्यात्मिकता शामिल करने का आह्वान किया। <br/>उन्होंने कहा कि जीवन को महान बनाना है तो चिंतन को भी महान बनाना होगा। आप सभी जिम्मेदार पदों हैं इसलिए अपने कर्मों से सभी को सुख मिले, दुआएं मिले ऐसे हमारे कर्म होना चाहिए। राहतगढ़ से पधारी ब्रह्माकुमारी नीलम बहन ने प्रथम पूज्य नायक श्री गणेश जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्रेष्ठ और कुशल प्रशासन के लिए हमारे अंदर समाने की शक्ति होनी चाहिए। इससे हम ऐसी बातों को समा लें, जिसके कारण संबंधों में कड़वाहट आ जाती है। उन्होंने गणेश जी के बड़े कानों का आध्यात्मिक अर्थ बताते हुए कहा कि- हमें सार युक्त बातों को ही अपने अंदर धारण करना चाहिए और व्यर्थ बातों को अवॉइड करना चाहिए।<br/><br/>*आध्यात्म से बदला जीवन*<br/> पूर्व जिला सैनिक कल्याण अधिकारी गजराज सिंह ठाकुर ने अपना अनुभव सुनाते हुए कहा कि मेरी ड्यूटी ऐसे माहौल और स्थान पर रही जहां पर लोग समझते हैं कि यहां क्रोध और अपशब्दों के बिना काम नहीं चलता। परंतु मैंने ब्रह्माकुमारी से जुड़कर राजयोग मेडिटेशन के अभ्यास से अपने अंदर सकारात्मक परिवर्तन का अनुभव महसूस किया और बहुत शांति-प्रेम के साथ कार्य क्षेत्र पर अपनी जिम्मेदारियां निभाई ।<br/> सेना में कैप्टन के पद से सेवानिवृत्त चन्देल सिंह राजपूत ने कहा कि सभी एक बार अवश्य अपने जीवन में राजयोग का अभ्यास करके देखें। आपका जीवन बदल जायेगा। <br/>सेवानिवृत्त यातायात टीआई यूएस सोनी ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज के आध्यात्मिक ज्ञान से मेरा गुस्सा शांत हो गया। सबसे पहले पत्नी ब्रह्माकुमारीज से जुड़ी और उनके जीवन में आये सकारात्मक परिवर्तन को देखकर में भी बदल गया। <br/><br/>*माउंट आबू की आध्यात्मिक ऊर्जा को अवश्य महसूस करें-*<br/> स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त मैनेजर गोवर्धन पटेरिया ने कहा कि सभी को एक बार अवश्य माउंट आबू जाकर वहां की आध्यात्मिक ऊर्जा को महसूस करना चाहिए।
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