"सद्भावना" मौजूदा समय की सबसे बड़ी मांग<br/><br/>शिव स्मृति में ‘सद्भावना के प्रकाश’ पर संगोष्ठी का आयोजन<br/><br/>जबलपुर। संसार में मानव मूल्यों और ईश्वरीय संदेशों के माध्यम से आध्यात्म का प्रचार करने वाली संस्था ब्रम्हाकुमारी के भंवरताल स्थित स्थानीय मुख्य सेवा केंद्र ‘शिव स्मृति भवन’ में संस्था की पूर्व प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणी जी की पुण्य तिथि पर ‘सद्भावना का प्रकाश’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें विषय विशेषज्ञों ने सारगर्भित उद्गार व्यक्त किए। ग्वारीघाट स्थित बाबा मोहनदास आश्रम के संत श्री आसन दास जी महाराज ने कहा कि सद्भावना ही दुर्भावना को समाप्त कर सकती है। आज के समय में सद्भावना की मांग सबसे अधिक है। डीएसपी सारिका पांडे ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम सभी आपसी दुर्भावना को छोड़ सद्भावना की ओर कदम बढ़ाएं। अध्यक्षता करते हुए संस्था प्रमुख बी के भावना बहन ने कहा कि आध्यात्मिक शक्तियों के बिना जीवन में सद्भावना का बीजारोपण संभव नहीं है। देहाभिमान के कारण मानव मन दुर्भावना, नफरत, घ्रणा की ओर बढ़ता है। आत्मिक ज्ञान से जब मन में ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के भाव उदित होते हैं, तब सद्भावना की तरंगें मन-मष्तिष्क में फैलने लगतीं हैं। दादी प्रकाशमणी को याद करते हुए उन्होंने कहा कि दादीजी ने पूरा जीवन सद्भावना का प्रकाश विश्व में फैलाने का कार्य किया। हम सभी उन्हीं से प्रेरणा लेकर सदभावना यज्ञ में सहयोग की आहुति दे रहे हैं। इस मौके पर माउंट आबू से आए ब्रह्मा कुमार सुखदेव भाई ने भी अपनी बात रखी। संचालन बी के संतोष चक्रवर्ती जी ने किया कार्यक्रम के पूर्व सभी ने दादी प्रकाशमणि जी के चित्र पर माल्यार्पण किया।