Program Brief
ब्रह्माकुमारीज संस्थान के सुरक्षा सेवा प्रभाग की ओर से संस्थान के न्यू टाऊन प्रभाकर नगर मकरोनिया सेवाकेंद्र पर रविवार को सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए सेमिनार आयोजित किया गया। <br/>स्व सशक्तिकरण से राष्ट्र सशक्तिकरण विषय पर आयोजित सेमिनार में मुख्य अतिथि सेना से सेवानिवृत्त कर्नल राम सिंह ने कहा की मुझे ब्रह्माकुमारीज के मुख्यालय माउंट आबू जाने का पहला सौभाग्य सन 1976 में प्राप्त हुआ। ब्रह्माकुमारी विद्यालय हर एक क्षेत्र में मानव मात्र को मूल्यों के प्रति जागृत कर रही हैं। मूल्यनिष्ठ समाज की स्थापना करने में ब्रह्माकुमारीज़ का बड़ा योगदान है।<br/> सेवाकेंद्र प्रभारी बीके छाया दीदी ने कहा कि हमारी संस्कृति देवी संस्कृति है। हमारा भारत देवभूमि कहलाता है। जैसे आप फौजी देश की सरहद पर देश को दुश्मनों से लड़कर देश की सेवा करते हैं वैसे ही हम ब्रह्माकुमारी बहनें समाज के बीच रहकर मानवता और दैवी संस्कृति के दुश्मन काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार से दूषित हुई मानसिकता को राजयोग मेडिटेशन से दैवी संस्कृति और दैवी सभ्यता में परिवर्तन करने की सेवा करते हैं। जैसे देश की सरहद पर रक्षा के लिए शस्त्र जरूरी हैं, वैसे ही समाज में व्याप्त बुराईयों से खुद की रक्षा के लिए आध्यात्मिक ज्ञान और योग जरूरी है। राजयोग से हमारा मनोबल बढ़ता है और जिसके पास मनोबल है, वही समाज और देश में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।<br/><br/>राहतगढ़ से आई ब्रह्माकुमारी नीलम बहन ने स्व-सशक्तिकरण का अर्थ बताते हुए कहा कि हमें स्वयं को जानना होगा कि मैं कौन हूं? वास्तव में मैं यह नश्वर देह नहीं, बल्कि इस देह की मालिक, देह को चलाने वाली एक चैतन्य शक्ति हूं। जब हम अपने आध्यात्मिक स्वरूप में स्थित होंगे तो हमारे अंदर ईश्वरीय संस्कार इमर्ज होंगे फिर हम सही मायने में सशक्त होने लगेंगे। फौजी भाईयों के जीवन में अनुशासन, समय के पाबंद, सच्चाई-सफाई होती है। अब इन गुणों के साथ मेडिटेशन को भी अपनी दिनचर्या में जोड़ देंगे तो आदर्श जीवन बन जाएगा। उन्होंने अपनी दृष्टि-वृत्ति को राजयोग मेडिटेशन से श्रेष्ठ बनाने की कला सभी को एक्टिविटी के द्वारा भी सिखाई। साथ ही राजयोग की गहन अनुभूति भी कराई।<br/><br/>अतिथि मेजर गजराज सिंह ने कहा कि मैं जब से संस्था से जुड़ा हूं मेरे व्यक्तित्व में एक सकारात्मक परिवर्तन आया है। हम जो भी काम करते हैं वह अगर हम परमात्मा की याद में रहकर करें तो जो काम घंटों में होने वाला होगा वह कुछ पल में हो सकता है ऐसा मैं अपनी दिनचर्या में रोज अनुभव करता हूँ।<br/>मोटिवेशनल लेखक पुष्पेंद्र साहू ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की और अभियान के तहत ब्रह्माकुमारीज संस्थान द्वारा देशभर में अब तक 15 हजार से अधिक कार्यक्रम आयोजित किये गए हैं। जो लक्ष्य संस्था ने सालभर के लिए रखा था वह तीन माह में पूरा कर लिया है। <br/>शहर भर से 150 से अधिक फौजियों ने भाग लिया । सभी ने राजयोग का नित्य अभ्यास करने का सांकलप लिया। कार्यक्रम की सराहना की।<br/>