लगातार स्क्रीन पर समय बिताने से तनाव, चिंता और अवसाद का खतरा बढ़ रहा है। सोशल मीडिया पर तुलना करने, नकारात्मक समाचारों के संपर्क में आने और अत्यधिक सूचना के भार से मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। डिजिटल वेलनेस को अपनाने से छात्रों को अपनी मानसिक स्थिति को संभालने में मदद मिलती है।