तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के मेडिकल विंग द्वारा समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर रेल यात्रियों एवं अन्य सभी लोगों की जागरूकता के लिए तंबाकू निषेध प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।<br/><br/>कार्यक्रम का उद्घाटन डीआरएम आलोक अग्रवाल ने दीप प्रज्ज्वलन द्वारा किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ब्रह्मा कुमारीज़ द्वारा तंबाकू एवं अन्य व्यसनों के प्रति लोगों को जागरूक करने का यह बहुत अच्छा प्रयास है। तंबाकू के सेवन से कैंसर सहित अनेक प्रकार के असाध्य रोग होते हैं। जिससे खुद के साथ परिवार एवं समाज को भी दुष्परिणाम भुगतने पड़ते हैं। उन्होंने रेल यात्रियों से आह्वान किया कि यात्रा के दौरान आप खुद भी नशीले पदार्थ का सेवन ना करें और दूसरों को भी सतर्क करते रहें।<br/><br/>एडीआरएम जेके सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि तंबाकू एक धीमा जहर है, जिसका सेवन करके तत्काल तो अच्छा लगता है लेकिन धीरे-धीरे हम उसकी गिरफ्त में आकर अपने स्वास्थ्य, यहां तक कि जीवन को भी तबाह कर देते हैं।<br/><br/>बीके तरुण ने विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार देश के 372 जिलों का चुनाव कर वहां लोगों को नशा मुक्ति के लिए जागरूक करने हेतु नशा मुक्त भारत अभियान चला रही है जिसमें उन्होंने ब्रह्माकुमारीज के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। जिसके तहत संस्थान व्यापक स्तर पर इन स्थानों पर लोगों को नशे के बारे में जागरूक करेगी और इनसे छुटकारा दिलाने में मददगार बनेगी।<br/>बताया गया कि तंबाकू के सेवन से हर वर्ष 80 लाख लोगों की मृत्यु होती है, उसमें से 13.5 लाख लोगों की मृत्यु सिर्फ भारत में होती है। इससे 40 तरह के कैंसर एवं 25 प्रकार की बीमारियां होती हैं। कैंसर से होने वाली हर तीन मृत्यु में एक का कारण तंबाकू का सेवन है। एक सिगरेट के सेवन से 11 मिनट आयु कम हो जाती है और हर 6 सेकंड में एक मृत्यु का कारण सिगरेट है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तंबाकू निषेध दिवस की थीम रखी है- हमें भोजन की आवश्यकता है, तंबाकू की नहीं। संस्थान द्वारा विभिन्न राज्यों के 1021 व्यसनियों को राजयोगी जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया और पाया कि 65% व्यसनियों ने प्रथम महीने में ही तंबाकू सेवन त्याग दिया। एक वर्ष में लगभग 85 फ़ीसदी लोग व्यसन से मुक्त हो गये। बाकी लोगों ने भी कुछ समय बाद व्यसन छोड़ दिये। इस प्रकार राजयोग अभ्यास से व्यसनमुक्ति में लगभग शत-प्रतिशत सफलता मिलती है। इसके नियमित अभ्यास से हमारे जीवन में खुशी, शान्ति, प्रेम, सद्भावना आती है जिससे नशे सहज ही छूट जाते हैं।