Program Brief
ब्रह्माकुमारी राजयोग केन्द्र दयाल बाग, अंबाला में चैत्र नवरात्रि के दिवस पर ब्रह्माकुमारीज द्वारा वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी शैली बहन ने नवरात्रि का आध्यात्मिक<br/>रहस्य सुनाते हुए कहा कि भारतवासी लगातार नौ दिनों तक (नवरात्रि में ) विभिन्न शक्तियों की पूजा करते हैं । इन शक्तियों के 408 नामों का गायन है जिनमें से कुछ प्रसिद्ध नाम- श्री सरस्वती, ब्राह्मी (ब्रह्मा की ज्ञान पुत्री ) ,आदि देवी, जगदंबा, शीतला, दुर्गा आदि हैं। देवियों को अष्टभुजा दिखाया जाता है। दरअसल अष्टभुजा शक्तियों का प्रतीक होता है जिसमें मुख्य रुप से सहनशक्ति,समाने की शक्ति ,परखने की शक्ति, निर्णय करने की शक्ति ,सामना करने की शक्ति ,सहयोग की शक्ति, विस्तार को छोटा करनेकी शक्ति<br/>और समेटने की शक्ति है। नवरात्रि में भक्त लोग रात भर एक दीपक जलाते हैं तथा सुलगाए जाते हैं, उनका भावार्थ शारीरिक व मानसिक और है कि हम, आत्मा का दीपक सदैव आध्यात्मिक पवित्रता तथा ब्रह्मचर्य से जलता हुआ रखें ताकि विकार हमारे ब्रत का पालन करने का प्रयत् करते पास आ ही न सके । संसार में मनुष्य की महानता की सुगंधी करके अपने व्यक्तित्व एवं उसकी पवित्रता की शक्ति के अनुसार वातावरण को सदैव खुशबूदार और आध्यात्मिक बनाए रखें। सत्य ज्ञान मनोविकारों को जीतने का<br/>पुरुषार्थ तथा ईश्वरीय योग वह तेज करना ही सच्चे अर्थो में नवरात्रि तलवार हैं जिससे मानसिक विकार नष्ट कर सकते है। राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी आशा दीदी जी ने कहा हिंदू नव वर्ष सभी के जीवन में खुशियों की नई सौगात लाएं तथा देश का कोना-कोना स्वास्थ्य, सम्पदा, यश एवं कीर्ति से महकें, ऐसी मेरी कामना है। तथा चैत्र नवरात्रि एवं नववर्ष विक्रम संगत 2080 की हार्दिक शुभकामनायें दी।<br/>