Program Brief
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के प्रेमनगर सेवाकेंद्र द्वारा “शहीदी दिवस एवं आजादी के अमृत महोत्सव” पर आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया| इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में नगर के सेवानिवृत्त सैनिक भ्राता बलवीर सिंह छाबडा (वीर जी), जिन्होंने भारतीय सेना में वाघा बॉर्डर पर 11 वर्ष अपनी सेवाए दी उपस्थ्ति रहे | <br/>इस कार्यक्रम के अंतर्गत उपस्थित सभी भाई बहनों को माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के प्रेरणाओ से अवगत कराया तथा शहीद दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्र पिता महत्मा गाँधी जी के बलिदान व् त्याग को स्मरण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये | <br/>ब्र.कु. यश्वनी दीदी एवं प्रेमनगर उपसेवाकेंद्र की ब्रह्माकुमारी बहनों ने अतिथियों का स्वागत तिलक, पुष्प गुच्छो एवं तिरंगे के पट्टे से किया तत्पश्चात दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया साथ ही कु. निशि और डिम्पल ने स्वागत गीत “ ऐ वतन “ से किया | <br/>राष्ट्रपिता बापू जी की पुण्य स्मृति में ब्रह्माकुमारी यश्वनी दीदी ने कविता के माध्यम से श्रधा सुमन अर्पित की, कविता के कुछ अंश है –<br/>“ धोती वाले बाबा की, यह ऐसी एक लड़ाई थी <br/>ना गोले बरसाए उसने, न बन्दूक चलायी थी <br/>सत्य अहिंसा के बल पर ही, दुश्मन को धूल चटाई थी <br/>मन की ताकत से ही उसने, रोका हर तूफ़ान को <br/>हम श्रद्धा से याद करेंगे , गाँधी के बलिदान को “ <br/>अध्यक्ष उद्बोधन में ब्र. कु. शशी दीदी जी ने सभी अतिथियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि निराकार परमपिता परमात्मा के साकार माध्यम प्रजापिता ब्रह्मा बाबा जो हमारे राष्ट्रपिता गांधीजी के समान ही स्वयं परमात्मा के द्वारा दिखाए गये अध्यात्मिक मार्ग पर वो पताका लेकर सारे विश्व में अध्यात्मिक जाग्रति दिलाने के शांतिदूत बने | बापूजी की कुर्बानी भी आज ब्रह्मा बाबा की कुर्बानी याद दिला रही है | <br/>भारत की आजादी की लड़ाई का प्रमुख चेहरा महात्मा गाँधी थे, राष्ट्रपिता गांधीजी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चल कर भारत वर्ष को आज़ादी दिलाई | वह निष्काम कर्मयोगी और सच्चे अर्थ में युगपुरुष थे यही कारण वह महत्मा गाँधी कहलाये| आज शहीद दिवस पर हम उन्हें शत शत नमन करते हैं| <br/>तत्पश्चात भारतीय सेना से सेवानिवृत्त (आर्मी ऑफिसर) भ्राता बलवीर सिंह छाबरा जी ने देशभक्ति गीत “ ऐ मेरे प्यारे वतन एवं रंग दे बसंती ” द्वारा सभी को आजादी का महत्व बताया साथ ही उन्होंने ” तेरी मिटटी में मिल जावा “ गीत पर सुन्दर प्रस्तुति दी | उन्होंने कहा की बहन मंजुषा जोहरी ने मंच संचालन कर ब्रह्माकुमारी इंदौर प्रेमनगर संस्था द्वारा किये जा रहे देशहित कार्यो की प्रशंसा करते हुए कहा की – प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय “अध्यात्मिक सेना” का प्रतीक है साथ ही भारतीय सैनिको के बलिदान की प्रशंसा करते हुए कहा की “ यह वर्दी बहुत कुछ कहती है, यह वर्दी कहती है त्याग, यह वर्दी कहती हे तपस्या, यह वर्दी कहती है कठिनाई ” एवं ब्रह्मकुमार चन्दन ने आभार व्यक्त किया |<br/><br/>