शिक्षा में अध्यात्म - करूणा और दया

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Jun 12 - 16, 2022 07:00 AM To 07:30 PM
  • Organiser
    RAJYOGA EDUCATION AND RESEARCH FOUNDATION (ABU - Education Wing) ( EDUCATION WING )
  • Category
    Conference
  • Project
    Spiritual Empowerment for Kindness & Compassion (Azadi Ka Amrit Mahotsav)
  • Occasion
    --
  • Venue
    मनमोहिनीवन परिसर, आबू रोड
  • Center Phone
    9414 151 111
  • Center Email
    info@brahmakumaris.com
  • Subject/Topic/Theme
    शिक्षा में अध्यात्म - करूणा और दया ( Spiritual Empowerment for Kindness & Compassion (Azadi Ka Amrit Mahotsav) )
  • Speaker
    --
  • Guests
  • Beneficieries
    500
  • Audience Type
    --
  • Links
    --
  • Program Brief
    शिक्षा में अध्यात्म - करूणा और दया <br/><br/>परिवर्तन की शिक्षा<br/><br/>तेजी से बढ़त हुए समय के साथ मनुष्य को जीवन में ताल-मेल बनाए रखने के लिए परिवर्तन के लिए शिक्षा की अत्यंत आवश्यकता है। नई शिक्षा नीति में बदलाव से लेकर उसे लागू कारने तक की प्रकिर्या में आध्यात्मिक शिक्षा एक कड़ी का कार्य कर सकती है। शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान प्रदान करना है, जिससे आप किसी भी क्षेत्र में उन्नति कर सकते हैं। जब तक शिक्षा का अर्थ “सा विद्या या विमुक्तये” के रूप में प्रतिष्ठित नहीं होगा, तब तक हम सभी अज्ञान रूपी दासत्व से मुक्त नहीं हो पायेंगे। शिक्षा के क्षेत्र में भारत में अमूल्य परिवर्तन के लिए नई शिक्षा नीति लागू करने की पूर्ण तैयारियां हो चुकी हैं। वर्तमान समय शिक्षा को स्वायत्तता प्रदान करनपर विचार किया जा रहा है।<br/> वर्तमान समय शिक्षा की दशा और दिशा में सुधार के लिये परिवर्तन की शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है। शिक्षा जैसे उत्तम व्यवसाय पर कलंक लग गया है। शिक्षकों की लगन एवं निष्ठा पर प्रश्नचिह्न है। शिक्षा के स्तर पर कोई ठोस कदम उठाया जाये। इसके लिए अब सरकार ने “विद्या समीक्षा` केंद्र प्रारंभ किये हैं। आने वाले समय में स्कूल, कॉलेजों को मूल्य और अध्यात्म की शिक्षा देने के लिए अग्रसर होना पड़ेगा। जैसे कोई लकड्हारा बिना धार की कुल्हाड़ी से लकड़ी नहीं काटता, जैसे कोई किसान बिना हल चलाये जमीन में बीज नहीं बोता, उसी प्रकार शिक्षा के क्षेत्र स जुड़े हुए लागो का भी नए ज्ञान स अवगत होना होगा।<br/> याद रहे कि शिक्षक चेतना का पुंज है। मानवीय अस्तित्व की सभी पंखुड़ियाँ खुले एवं खिले, ऐसी परिस्थिति का निर्माण करने की जिम्मेवारी शिक्षक की है। शिक्षकों में दया और करूणा जैसे मूल्यों का विकास होना जरूरी है। चारों तरफ विश्व मेंअशांति और भय का वातावरण फैला हुआ है। भूख और गरीबी में लोग झुलस रहे हैं। ऐसे समय में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा विद्या समीक्षा की जाती है। विश्वभर में मूल्य और आध्यात्मिकता की शिक्षा दी जाती है।<br/>शिक्षा में अध्यात्म: करूणा और दया - प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय और इसके सहयोगी संगठन राजयोग एज्यूकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के शिक्षा प्रभाग द्वारा शिक्षा में मूल्य एवं आध्यात्मिकता का समावेश करने हेतु व्यापक कार्यक्रम तैयार किया है, जिसको भारत सरकार तथा भारत के कई राज्यों की सरकार व विश्वविद्यालयों ने लागू किया है। वर्ष 2022 के लिए भी शिक्षा प्रभाग द्वारा<br/><br/> “शिक्षा में अध्यात्म : करूणा और दया` विषय के माध्यम से महासम्मलेन का आयोजन किया जा रहा है। आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर शिक्षा प्रभाग अमृत नवसृजन के लिए और अध्यात्म एवं मूल्य शिक्षा के माध्यम से वर्तमान समय की समस्याओं से मानव को मुक्त कराने के लिए कटिवद्ध है। <br/> हार्दिक निमंत्रण <br/>विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षाविदों का महासम्मेलन `शिक्षा में अध्यात्म : करूणा और दया` में भाग लेने के लिए प्रतिभागी जैसे अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, शिक्षा मंत्री, शैक्षिक कि अ शा. न्‍ शक. प्रशासक, कॉलेज के प्राचार्य, डीन, रजिस्ट्रार, एच.ओ.डी., प्रोफेसर, एसोसिएट और सहायक , प्रोफेसर इत्यादि सहदय आमंत्रित हैं। हमें विश्वास है कि यह स्नेहपूर्ण निमंत्रण अवश्य स्वीकार करेंगे।<br/><br/>आयोजक संस्था का परिचय<br/> शिक्षा प्रभाग (आर.ई.आर.एफ.):- राजयोग एज्युकेशन एंड रिसर्च फाउण्डेशन (आर.ई.आर.एफ.) का शिक्षा प्रभाग मूल्य और अध्यात्म की शिक्षा प्रदान करने में एक अनूठी भूमिका निभा रहा है। उच्च शिक्षा में मूल्यों और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा प्रभाग ने अब तक 20 विश्वविद्यालयों के साथ एम.ओ. यू. किया है। मूल्यनिष्ठ शिक्षा के क्षेत्र में इस संस्थान द्वारा की जा रही बहुमूल्य सेवाओं को सारे विश्व में व्यापक लोकप्रियता मिली है जिसे भारत सहित अनेक देशों में शासन एवं विश्वविद्यालयों ने अपनाया है। ब्रह्माकुमारी संस्था:- मानव मात्र के आध्यात्मिक, चारित्रिक, मौलिक एवं नैतिक उत्थान हेतु वर्ष )937 से सतत्‌ रूप से सेवारत प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय एक गैर व्यावसायिक आध्यात्मिक शिक्षा संस्थान है। इसकी भारत सहित विश्व के पाँचों महाद्वीपों में , स्थित 40 देशों में हजारों सेवाकेन्द्र कार्यरत हैं। इसका अन्तर्राष्ट्रीय मुख्यालय राजस्थान के माउण्ट आबू में स्थित है। इस संस्थान की विश्वव्यापी सेवाओं के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसे यूनिसेफ (77%) के साथ-साथ आर्थिक एवं सामाजिक पर अशांति मेंलो हे हैं। ऐसे सलाहकार का दर्जाप्रदान किया है।<br/>
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