ब्रह्माकुमारीज़ के बैतुल सेवा केंद्र पर नव निर्मित भवन भाग्यविधाता के विशाल सभागार मे नये भवन एवं आज़ादी के अमृत महोत्सव का शुभारंभ संपन्न हुआ। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज़ के कार्यकारी सचिव राजयोगी बी के मृत्युंजय भाई जी, भोपाल ज़ोन की निर्देशिका राज्योगिनी अवधेश बहनजी, राज्योगिनी उषा बहनजी, माउंट आबू, माननीय सांसद डी डी उइके बैतुल, विधायक निलय डागा बैतुल, विधायक योगेश पंडाग्रे, आमला, पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद एवं भोपाल ज़ोन की सभी वरिष्ठ बहने एवं भाई मुख्य रूप से उपस्थिति थे।<br/>राजयोगी मृत्युंजय भाई जी ने अपने वक्तव्य मे कहाँ कि भाग्यविधाता परमात्मा पिता ने आपने संकल्पों से भाग्यविधाता भवन का निर्माण करवाया है। एक छोटे स्थान पर थोड़ी सी जगह मे इतना सुव्यवस्थित भवन बनना ये परमात्म आशीर्वाद से ही संभव है। आज़ादी के अमृत महोत्सव के शुभारंभ पर इस भवन का उद्घाटन ईश्वरीय सेवाओ को नया आयाम देगा और निश्चित ही परमात्म प्रत्यक्षता का साधन बनेगा। आज आजादी के अमृत महोत्सव पर हम संकल्प ले की हम क्रोध मुक्त , इर्ष्या द्वेष से मुक्त भारत बनाये क्योंकि परमात्मा पिता का इस धरा पर अवतरण हो स्वर्णिम भारत के निर्माण के लिए हुआ है और वो परमात्मा हमे बुराइयों से मुक्त बनाकर महान आत्मा , पुण्य आत्मा देव आत्मा बनाना चाहते है ताकि हम सभी उस स्वर्णिम भारत में जा सक l<br/> राजयोगिनी अवधेश बहनजी ने अपने आशिर्वचन मे सभी बैतुल के भाई बहनो को बधाई देते कहा कि ये बहनो की तपस्या का ही फल है जो इतना सुंदर भवन बनकर तैयार हुआ ये सत्यं शिवम सुंदरम की सुंदरतम रचना है जो इस संगम समय पर अनेको का भाग्य जगाने और प्रभु मिलन करने का साधन बनेगा। राजयोगिनी उषा बहनजी ने अपनी शुभ भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव हम मना रहे है इस अवसर पर हमें आवश्यकता है कि हम बुराइयों से मुक्त हो सच्ची आज़ादी मनाये l आज हर मनुष्य पांच विकारो का गुलाम है और जब तक इन विकारो से आज़ादी नहीं मिलेगी हमारा भारत स्वर्णिम भारत , स्वर्गिक भारत नहीं बन सकता l<br/><br/>ब्रह्माकुमरीज़ बैतूल द्वारा गीता ज्ञान की एक शाम कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 21 मार्च 2022 को भाग्यविधाता भवन के विशाल सभाग्रह में किया गया जिसमे माउंट आबू से पधारी ब्रह्माकुमरीज़ की प्रमुख वक्ता राजयोगिनी उषा बहनजी ने अपना उद्बोधन दिया l उन्होंने कहा कि गीता हमे स्वयं की पहचान करातीहै गीता के माध्यम से परमात्मा पिता हमे हमरे अन्दर निहित गुणों की शक्तियों की पहचान करते है और हमारी आतंरिक गुणों शक्तियों को जागृत करने के लिए राजयोग सिखाते है l परमात्मा हमें ज्ञान , पवित्रता और प्रेम के आधार पर जीना सिखाते है यही सच्चे सुख का आधार है l सुख साधनों से नहीं अपितु स्वयं को सत्य रीती से जानने और परमात्मा से सम्बन्ध जोड़ने से मिलती है l इस कार्यक्रम में शहर के विशिष्ट लोगो और बुद्धिजीवियों को आमंत्रित किया गया l सभी ने कार्यक्रम की प्रशंशा की और ऐसे कार्यक्रम को पुनः आयोजित करने का आग्रह भी किया l
Special Moments
✳*तीन बहनों का हुआ दिव्य समर्पण समारोह*
उद्घाटन महोत्सव के अवसर पर बैतूल की तीन बहनों कु प्रतिभा , कु रोशनी , कु दिव्या का समर्पण समारोह भी संपन्न हुआ l इस समारोह में राजयोगी भ्राता मृत्युंजय जी , राजयोगिनी अवधेश बहनजी , राजयोगिनी उषा बहनजी सहित बैतूल के बी के भाई बहाने भी उपस्थित थे .इस समारोह में भव्य शिव बारात का आयोजन किया गया साथ ही समर्पित हो रही बहनों द्वारा शिव लिंग के फेरे एवं ईश्वरीय जीवन प्रति 7 प्रतिज्ञाए लेकर इस विधि को संपन्न किया गया . कार्यक्रम के अंत में सभी को ब्रह्मा भोजन भी कराया गया .